New Delhi : राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है। लॉकडाउन के बीच स्पेशल पास से भाजपा विधायक अनिल सिंह अपने बेटे को कोटा से सड़क मार्ग के जरिये बिहार लेकर आ गये। इस पर भाजपा विधायक ने सफाई देते हुए कहा कि मेरा बेटा कोटा में परेशान था। मैंने लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं किया है और जिला प्रशासन की अनुमति और सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही अपने बेटे को वहां से लाया हूं। मैंने एक पिता की जिम्मेदारी निभाई है।
बिहार के बाहर फंसे गरीब मजदूरों, छात्रों को लाने के नाम पर @NitishKumar जी Lockdown के मर्यादाओं का ज्ञान दे रहे थें और दूसरी तरफ चुपके से सत्ताधारी दल के विधायक को विशेष परमिशन देकर उनके पुत्र को कोटा से नवादा ला रहे हैं।
यदि आम और खास के बीच फर्क हुआ तो महाभारत होगा। pic.twitter.com/EOVKMlqLZP
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) April 19, 2020
बिहार के मुख्यमंत्री ने कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के मसले पर बोला था कि यह लॉकडाउन का उल्लंघन बताया था। लेकिन इस बीच राज्य में भाजपा विधायक को अपने कोटा में फंसे बेटे के लिए पास जारी होने पर बवाल मच गया है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने इस लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर आम और खास के बीच फर्क किया गया तो महाभारत होगा।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी एक बार फिर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है। प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया – कोटा में फंसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को नीतीश कुमार ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना लॉकडाउन की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा। अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?
कोटा में फँसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को @NitishKumar ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना #lockdown की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा।
अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है? pic.twitter.com/mGy9v0MHQS
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 19, 2020
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसें भेजी थी। इसका नीतीश कुमार ने पुरजोर विरोध करते हुए था कि यह नाइंसाफी है। ऐसे में लॉकडाउन का क्या मतलब रह जाएगा। राजस्थान भेजे गए बसों की परमिट रद्द कर देनी चाहिए। कोटा में बिहार के भी हजारों छात्र फंसे हैं। छात्रों ने सोशल मीडिया के जरिए नीतीश से मांग की थी कि उन्हें भी वापस बुलाया जाए।