New Delhi : बलिया में एक सरकारी कोटे की दुकान के विवाद में बीजेपी नेता धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कथित तौर पर एसडीएम और सीओ के सामने एक युवक को गोली मार दी। बाद में युवक की जान चली गई। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। इस मामले में, सीएम योगी आदित्यनाथ ने मौके पर मौजूद एसडीएम, सीओ और अन्य अधिकारी-पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है। हालाँकि इस घटना को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी सहित सभी विपक्षी दलों और उनके नेताओं ने इस घटना के बहाने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है।
As per initial investigation, it has been found that Dhirendra Pratap Singh had shot at a person, Jay Prakash Pal. 8 persons named in FIR. Search & raids being conducted at multiple locations, efforts are on to arrest the accused at the earliest: Devendra Nath, SP Ballia pic.twitter.com/I14Awa5d6C
— ANI UP (@ANINewsUP) October 15, 2020
UP CM #YogiAdityanath takes cognisance of the #Ballia incident in which a murder was committed in front of police personnel by a criminal; directs that SDM, CO and police personnel on the spot be suspended immediately and strictest action be taken against the accused. pic.twitter.com/jflmRlUvD9
— All India Radio News (@airnewsalerts) October 15, 2020
कांग्रेस के यूथ विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी ने ट्वीट किया- अगर यह जंगल राज नहीं है तो क्या है? बलिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह के करीबी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने दिन के उजाले में एसडीएम और डीएसपी के सामने एक व्यक्ति की जान ले ली। उधर, समाजवादी पार्टी ने भी घटना के वीडियो को ट्वीट कर प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया- सत्तारूढ़ अधिकारी खुलेआम कानून और व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। बलिया में कानून-व्यवस्था को धता बताने वाली एक भयावह घटना सामने आई है। भाजपा नेता ने एसडीएम और सीओ के सामने एक युवक जय प्रकाश पाल की जान ले ली। पुलिस के सामने घटना को अंजाम देने के बाद भाजपा नेता भी फरार हो गया।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजीत सिंह ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है। एसडीएम और सीओ की मौजूदगी में ऐसा हुआ है, पीठ के पीछे नहीं, और ये अधिकारी केवल मूकदर्शक बने रहते हैं। इस मामले में अधिकारी आरोपी भाजपा नेताओं की तरह दोषी हैं, इसलिए इन अधिकारियों के खिलाफ भी 302 का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।