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8वीं शताब्दी में की गई थी बिहार के इस विशालकाय शिवलिंग की स्थापना,अशोक ने की थी इस मंदिर की खोज

New Delhi: बिहार के लखीसराय का अशोक मंदिर एक बार फिर से चर्चा में है। गृहमंत्री अमित शाह यहां पूजा करने के लिए आ रहे हैं। बताया जाता है कि 7 अप्रैल 1977 को जब एक चरवाहा यहां गाय चरा रहा तो उसे यहां पर एक शिवलिंग मिला था। अशोक नाम के चरवाहे ने जमीन के नीचे इस विशालकाय शिवलिंग की खोज की थी।

अशोक रोजाना यहां गाय चराने आता था। एक दिन जब वह वहां गिल्ली-डंडा खेल रहा था तो गिल्ली की तलाश करते हुए वह शिवलिंग तक पहुंचा। यह शिवलिंग धरती के अंदर था। बाद में जब शिवलिंग की जानकारी मिली तो यहां पर मंदिर का निर्माण करवाया गया।

बताया जाता है कि यह मंदिर 8वीं सदी में बनाया गया था। लेकिन 56 साल पहले ही इसकी खोज हुई थी। पाल वंश के छठे सम्राट नारायण पाल ने आठवीं शताब्दी में शिवलिंग की नियमित पूजा शुरू की थी। मान्यता है कि 12वीं शताब्दी में राजा इंद्रद्युम्न ने इस स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाया था।

कहते हैं कि अशोक ने इस शिवलिंग की खोज की थी, इसलिए मंदिर का नाम अशोक धाम पड़ गया। दावा है कि मुगल काल में मंदिर को तोड़ दिया गया था। बाद में 7 अप्रैल 1977 को अशोक ने शिवलिंग की खोज की थी।

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