New Delhi : भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे विवाद के बीच सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को लद्दाख का दौरा किया। यहां उन्होंने टॉप फील्ड कमांडरों के साथ बैठक की और हालात का जायजा लिया। एजेंसी की खबरों के मुताबिक लद्दाख में चीन के साथ तीन जगह- गालवन नाला, डेमचौक और दौलत बेग और पैंगोंग त्सो झील में तनाव है। गालवन नाला में दोनों देशों के 300-300 सैनिक आमने-सामने हैं। इस इलाके पर चीन अपना दावा कर रहा है। भारतीय सेना के फील्ड कमांडर चीन के कमांडरों से बात कर रहे हैं और मामले का हल निकालने की कोशिश की जा रही है।
Army chief visits Ladakh to review LAC situation
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— ANI Digital (@ani_digital) May 23, 2020
पिछले दिनों लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील और गालवन घाटी में दोनों देशों ने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी थी। यहां पिछले दो हफ्ते से टकराव बना हुआ है। इसे लेकर ब्रिगेड कमांडरों की फ्लैग मीटिंग भी हुई, लेकिन बेनतीजा रही। चीन की इस हरकत पर भारत के सेना के टॉप अफसर लगातार नजर बनाये हुये हैं। अमेरिका ने भी कहा था है कि चीनी सैनिकों का आक्रामक बर्ताव खतरे की तरफ इशारा करता है।
दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति पैंगोंग त्सो झील के पास भारत के सड़क निर्माण से शुरू हुई। दरअसल, लद्दाख के पूर्वी इलाके में आवागमन के लिए सड़क नेटवर्क को मजबूत कर रहा है। इस पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने आपत्ति जताई। इसके बाद चीन ने इस इलाके में अपने जवानों की संख्या बढ़ाना शुरू कर दिया। भारत ने भी इस इलाके में तैनाती बढ़ा दी।
India-China military standoff in Ladakh is serious, which explains the Indian Army chief's visit there. The PLA has opened acupuncture points there against India. The Indian Army chief must now regret his May 14 statement, which unwittingly gave the PLA carte blanche to encroach. pic.twitter.com/lOQjoyvNpj
— Brahma Chellaney (@Chellaney) May 23, 2020
भारत ने साफ किया है कि वह अपने इलाके में सड़क निर्माण कर रहा है। और यह ठीक वैसा ही जैसा चीन ने अपने इलाके में किया है। इसके बाद चीनी सैनिक इस इलाके में बने हुये हैं। चीनी सेना ने पैंगोंग त्सो झील में अपनी स्पीड बोट्स की मौजूदगी भी बढ़ा दी है। डेमचौक और दौलत बेग ओल्डी जैसे इलाकों में भी दोनों देशों के सैनिकों की संख्या में इजाफा हुआ है।
पैंगोंग झील, नाकू ला सेक्टर पर भारत और चीन की सेना में तनाव चरम पर है। कई दिनों के बातचीत के बाद सैनिकों के बीच झड़प तो नहीं हो रही, लेकिन दोतरफा सैनिको की संख्या बढ़ाई जा रही है। 9 मई को लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीन की सेना के हेलिकॉप्टर दिखने के बाद भारतीय वायुसेना सतर्क हो गई थी। भारतीय वायुसेना ने भी सुखोई समेत दूसरे फाइटर जेट से पेट्रोलिंग शुरू कर दी। चीन के हेलिकॉप्टरों ने एलएसी को क्रॉस नहीं किया, लेकिन पहले कई बार ऐसा हो चुका है।
There has been a marked increase in the number of Chinese transgressions into the Indian side of the LAC in Ladakh.
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