पंजाबी फिल्मों के अमिताभ बच्चन के पास खाने-पीने के भी पैसे नहीं, दूसरों के टुकड़ों पर जी रहे

New Delhi : 300 से ज्यादा फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखाने वाले इस अभिनेता को अब देखने वाला कोई नहीं है। आज ये हीरो बदहाल हालत में है। पंजाबी सिनेमा के अमिताभ बच्चन कहे जाने वाले 66 वर्षीय एक्टर सतीश कौल आज गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं। पॉपुलर फिल्म ‘कर्मा’ में नजर आये सतीश लंबे समय तक बिस्तर पर रहे। जब ठीक हुये तो उन्हें रहने का कोई ठिकाना नहीं मिला। वृद्धाश्रम गये लेकिन जब उनके एक फैन को इसका पता चला तो वह उन्हें अपने पास ले आया। कभी लाखों करोड़ों में खेलनेवाले सतीश के पास न तो खाने-पीने के पैसे हैं औ न ही दवाइयों का खर्च उठाने के।

सतीश कौल ने दिलीप कुमार, देव आनंद, अमिताभ बच्चन और शाहरुख़ ख़ान जैसे सितारों के साथ काम किया हुआ है। साल 2013 में सतीश को पंजाबी टेलीविजन ने ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ से नवाजा था। लेकिन वक़्त की मार देखिए आज इस सितारे के पास न कोई छत है और न ही दो वक़्त की रोटी खाने के लिए पैसे हैं। सतीश कभी हिंदी और पंजाबी फिल्मों की शान हुआ करते थे। 1974 से 1998 तक 300 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले सतीश को उस जमाने में बिना मांगे काम मिलता था, और अब हालात एक दम विपरीत हो गए हैं।
पत्नी से तलाक और बेटे के अमेरिका में शिफ्ट हो जाने के बाद सतीश ने एक एक्टिंग स्कूल खोला, लेकिन वो नहीं चला और उनके पैसे डूब गये। ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिति को गहरा झटका लगा। उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। पत्नी और बेटे के साथ छोड़कर चले जाने से सतीश कौल अवसाद में चले गए। उन्होंने इंडस्ट्री से खुद को अलग कर लिया। फिल्मी दुनिया से दूर होने के बाद इंडस्ट्री के दोस्तों ने भी उनका साथ छोड़ दिया, जिससे सतीश कौल बिल्कुल अकेले पड़ गये।

जुलाई, 2014 में बाथरुम में फिसलने की वजह से सतीश को स्पाइनल फ्रैक्चर हो गया। उन्हें गहरी चोट आई। इसकी वजह से उन्हें लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। उनका इलाज चला। उनकी माली हालत ऐसी हो गई थी कि अस्पताल के बिल चुकाने के भी पैसे उनके पास नहीं थे। ऐसे में ‘इनोवेटिव आर्टिस्ट वेलफेयर एसोशिएशन’ नाम के एक समूह ने एक्टर को 70,000 रुपये के मदद की। वहीं एसोशियशन के अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी एक्टर को 2.5 लाख रुपये देने की घोषणा की थी।
बाद में लुधियाना के एक सोशल ऑर्गनाइजेशन ने उनकी मदद की और उन्हें एक वृद्धाश्रम भेज दिया, लेकिन शाही शहर की निवासी परमिंद्र कौर बाठ, जो सतीश की फैन हैं, वह उन्हें अपने घर ले आईं। समाजसेवा के कार्यों से जुड़ी परमिंद्र को जब पता चला कि सतीश कौल आजकल लुधियाना के एक वृद्धाश्रम में रह रहे हैं और उनकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है तो उन्हें ये सुनकर धक्का लगा।

इसके बाद उन्होने सतीश कौल को अपने साथ रखने का फैसला किया। वह लुधियाना में सारी औपचारिकताएं पूरी करके कौल को अपने घर ले आईं। अब सतीश उन्हीं के घर रह रहे हैं। उनके खाने-पीने, रहने सब का इंतजाम वह खुद कर रही हैं। सतीश कौल का जन्म 8 सितम्बर 1954 को कश्मीर में हुआ। 1969 में फिल्म एवं टेलीविजन इंस्टीट्यूट से स्नातक की डिग्री ली। बॉलीवुड के एक्टर्स जया बच्चन, शतुघ्न सिन्हा, जरीना वहाब, डैनी डेंजोंगपा, ओम पुरी और आशा सचदेवा इनके बैचमेट्स रहे हैं।

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