अमेरिका का नासूर : कोरोना से एक दिन में1480 लोगों की जान गई, 32 हजार नये मामला

New Delhi : Corona Virus से दुनियाभर में अब तक 59 हजार 141 लोगों की जान जा चुकी है। यूरोपियन देशों के लिये कोरोना नासूर बन गया है लेकिन सबसे गंभीर स्थिति अमेरिका की हो गई है। कोरोना अमेरिका के लिये नासूर बन गया है। यहां पिछले 24 घंटे में 1480 लोगों की मौत सिर्फ कोरोना से हुई है। एक दिन में कोरोना से संक्रमण के 32 हजार से ज्यादा मामले सामने आये हैं।
अमेरिका में अब तक 7 हजार 392 लोग जान गंवा चुके हैं। 2 लाख 77 हजार संक्रमित हैं। एक दिन में न्यूयॉर्क में 562 लोगों की जान गई। यानी हर ढाई मिनट में एक व्यक्ति की जान गई। यह एक दिन का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। न्यूयार्क में सक्रमण के एक लाख से ज्यादा मामले हो गये हैं।
इधर अमेरिका में इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनावों को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा – चुनाव अपने निर्धारित समय तीन नवंबर को ही होंगे। उन्होंने कहा कि वे मतदान के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले बैलट के समर्थन में नहीं हैं। मतदान पोलिंग बूथ में ही किया जाना चाहिए। हालांकि, कोरोना के कारण कई राज्यों ने चुनाव स्थगित कर दिए हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस महामारी के कारण जुलाई और अगस्त के बीच होने वाले नामांकन सम्मेलन को भी स्थगित कर दिया है।
व्हाइट हाउस में शुक्रवार को प्रेस ब्रिफिंग के दौरान राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा – सीडीसी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि नागरिक अपनी इच्छा के अनुसार नॉन-मेडिकल क्लॉथ (कपड़े) का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, ट्रम्प ने स्पष्ट किया कि वह खुद मास्क नहीं पहनेंगे। सीडीसी की यह सिफारिशें हाल के रिसर्च पर आधारित है। ट्रम्प ने कहा कि सीडीसी मेडिकल ग्रेड या सर्जिकल ग्रेड मास्क के इस्तेमाल की सिफारिश नहीं कर रहा है। मेडिकल कर्मचारियों के लिए एन95 रेस्पिरेटर मास्क को बचाया जाना जरूरी है।
बहरहाल पूरी दुनिया में संक्रमितों की संख्या 10 लाख 98 हजार पहुंच गई है। दो लाख 28 हजार 405 व्यक्ति स्वस्थ भी हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गुरुवार को एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण के पीछे चीन के मांस बजार का हाथ है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्लयूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से मांस बाजार के खिलाफ कार्रवाई की अपील की। उन्होंने कहा कि चीन का यह मार्केट दुनिया के अन्य देशों और लोगों के लिए गंभीर खतरा है।
दूसरी ओ सऊदी अरब कोरोनावायरस की वजह से हज यात्रा 222 साल बाद रद्द कर सकता है। इससे पहले 1798 में ऐसा किया गया था। सउदी सरकार ने फरवरी के अंत में उमरा को बैन कर दिया था। उमरा भी हज की तरह ही होता है। निश्चित इस्लामी महीने में मक्का और मदीना की यात्रा को हज कहा जाता है। इस समय के अलावा सालभर में इन स्थानों की धार्मिक यात्रा उमरा कहलाती है। पिछले साल यहां हज यात्रा पर करीब 20 लाख लोग पहुंचे थे। यह सालाना इस्लामिक कार्यक्रमों का प्रमुख हिस्सा है। यही कारण है कि 1918 फैले फ्लू के दौरान भी इसे रद्द नहीं किया गया था। यहां अब तक दो हजार 39 लोग संक्रमित हैं, जबकि 25 की जान गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *