New Delhi : श्रीराम की नगरी अयोध्या सजधज कर दीपावली मनाने के लिये तैयार हो रही है। शहर के घरों को केसरिया और पीले रंग में रंगा जा रहा है। वैसे तो रामलला के मंदिर की नींच पूजन की तैयारी तो पूरे भारत में चल रही है लेकिन अयोध्या की तैयारी कुछ खास है। अयोध्या में चारों उमंग का माहौल है। प्रशासन भी अपनी ओर से तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ रहा। केंद्र सरकार भी अयोध्या को चमकाने पर करोड़ों रुपये खर्च करनेवाली है। अयोध्या को चमकाने के लिये केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को 100 करोड़ रुपये भी दिये हैं।
तस्वीर साभार – शैलेंद्र पांडेय की फेसबुक वॉल से ली गई है।
यह #अयोध्या की फ्रंटलाइन है, केवल दिखावे की। दरअसल अयोध्या का यह मुख्य रास्ता 4 लेन बनना है तो यह सब टूटेगा। आज बकरीद…
Posted by Shailendra Pandey on Friday, July 31, 2020
बहरहाल केंद्र सरकार ने तय किया है कि अयोध्या में टैगोर कल्चरल काम्पलेक्स के नाम से एक रामलीला अकादमी बनाई जाये। इसमें भारत ही नहीं बल्कि विश्व के विभिन्न देशों की रामलीला शैलियों के प्रदर्शन के साथ-साथ उनसे जुड़े विभिन्न पक्षों पर शोध और अध्ययन होगा। इसके अलावा अयोध्या में वर्चुअल रामायण म्युजियम के भवन निर्माण का खर्च भी केन्द्र सरकार ने ही उठाने का निश्चय किया है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने पर्यटन के दृष्टिकोण से अयोध्या को वर्ल्डक्लास सिटी बनाने की परियोजना तैयार कराई है। लखनऊ में 31 जुलाई की अपनी विजिट के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ बैठक कर इसका खाका तैयार किया।
बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी गई कि मांझा बरहेटा इलाके में प्रभु श्रीराम की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाई जायेगी। इस प्रतिमा की ऊंचाई 251 मीटर होगी। इस प्रतिमा की स्थापना पर करीब 500 करोड़ का खर्च होगा। इसका निर्माण पर्यटन मंत्रालय करायेगा। यह प्रतिमा 12 एकड़ क्षेत्रफल में बनेगा। प्रतिमा के अगल-बगल एक बड़ा काम्पलेक्स बनेगा। इसमें रामायण म्युजियम, व्यापारिक केन्द्र व सांस्कृतिक केन्द्र विकसित किया जायेगा। करीब 700 करोड़ रुपये के इस निर्माण की पूरी लागत केन्द्र सरकार वहन करेगी। इस परियोजना के लिए फिलहाल 100 करोड़ रुपये दिये भी जा चुके हैं।
अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को भी संवारा जायेगा। राज्य के 5 जिलों अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, अम्बेडकरनगर और बाराबंकी की सीमाओं को छूने वाले 250 किलोमीटर के दायरे में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाएगा। चूंकि यह पूरा मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग है तो अब इसका जीर्णोद्वार एनएचएआई के जरिये करवाया जायेगा।