New Delhi : कुछ लोग आज भी समझते हैं कि गांव की लड़कियां सिर्फ चूल्हा चौका करने के लिए होती हैं। ऐसे लोगों को IPS सरोज की कहानी पढ़नी चाहिए। बचपन में माता-पिता के साथ खेत में काम करने वाली लड़की सरोज बड़ी होकर जब अपने गांव लौटी तो कभी उसके परिवार को उसकी शादी न करने के लिए ताने मारने वाले लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। राजस्थान के झुंझुनू जिले की सरोज ने IPS अधिकारी बनकर अपने गांव बुधानिया के लोगों की बेटियों के प्रति सोच बदल दी है।
Every drop counts!!!
Meet Ms. Saroj Kumari, an IPS officer in Vadodara, who along with a 12-member army of ‘Samajh Sparsh Ki’ is on a mission to arm children to fight against sexual harassment. https://t.co/Q4Lp8UERMH
— Maneka Sanjay Gandhi (@Manekagandhibjp) August 30, 2018
Saroj Kumari IPS During #VadodaraRains Rescue Operation 🙌 Respect for @GujaratPolice 🙏 [Image: @igeekyayush] pic.twitter.com/mFDGO0j30s
— Amit Panchal (@AmitHPanchal) August 1, 2019
Ms.Saroj Kumari (IPS) presented a book to @Manekagandhibjp.
As SP -Botad, she had rehabilitated 35 women.
Ms.Saroj rescued them from sex trade.The stories of these women, elaborated in book are really a training course for officials who undertake rehabilitation services. pic.twitter.com/XiaRyGbzZa— Ranjan Bhatt (MP) (@mpvadodara) April 14, 2018
This is with reference our 30th August tweet on an initiative by Gujarat IPS Saroj Kumari.
We appreciate the feedback by Mr Jayant Bhatt @Jayant52916872. Your ideas & inputs always help us.#SaturdaySocial pic.twitter.com/XZmH1z9RdE— IPS Association (@IPS_Association) September 15, 2018
सरोज कहती हैं कि गांववालों से मिल रहा सम्मान उनके लिए खुशी की बात इसलिए भी है क्योंकि बेटियों को लेकर लोगों की सोच बदली है। उन्होंने बताया कि अब उनके गांव में लोग बेटियों को भी पढ़ने भेजने लगे हैं और उन्हें नौकरी करने की इजाजत दे रहे हैं। IPS सरोज जब तीन साल की थीं तो उनके पिता सेना से रिटायर हो गए।
घर चलाने के लिए वह खेती और मजदूरी करने लगे। सरोज और उनके भाइयों ने पिता की मदद की। वह बताती हैं कि उनके परिवार पर उनकी शादी करने के लिए दबाव बनाया जाता था लेकिन उनके परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया। वह याद करती हैं कि उनकी मां को हमेशा से भरोसा था कि एक दिन सरोज अफसर जरूर बनेंगी। वह ग्रैजुएशन के लिए जयपुर गईं। वहां पोस्ट ग्रैजुएशन और फिर चुरू के सरकारी कॉलेज से एमफिल किया। 2010 में यूपीएससी की परीक्षा दी। सरोज सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी और वर्तमान राज्यपाल किरण बेदी से हमेशा प्रभावित रही हैं।
बोटाड में अपनी पोस्टिंग के दौरान उन्होंने सेक्स वर्कर्स के लिए काफी काम किया जिसके लिए उनकी काफी सराहना भी हुई। उन्होंने साल 2014 में गणतंत्र दिवस की परेड की आगवानी भी की। वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली टीम का हिस्सा भी रह चुकी हैं। किरण बेदी की स्टोरी पढ़कर सरोज कुमारी को लगा कि मैं भी उनकी तरह बन सकती हूं। पर खेतों में काम करना फिर गाय-भैंस का दूध दुहना जैसे कामों को करने वाली कभी इतने महत्वपूर्ण पद तक कैसे पहुंच सकती है। लेकिन मैंने किरण बेदी से प्रेरणा ली और संकल्प किया कि मुझे भी इनकी तरह बनना है। ध्येय सामने था, आवश्यकता थी लगन की, जिससे मैंने पूरे जोश के साथ आगे बढ़ पाई।
एक दिन मैं अपने माता-पिता के साथ खेत में काम कर रही थी, तभी हवा के एक झोंके के साथ मेरे हाथ में आई अखबार की एक कटिंग, जिस पर किरण बेदी की स्टोरी थी। मैंने वह कटिंग अपने भाई को बताई, तो उसने कहा कि तुम भी किरण बेदी की तरह महिला पुलिस अधिकारी बन सकती हो। बस मैंने तय कर लिया कि अब पुलिस की अधिकारी बनकर ही दम लूंगी।
In this time of corona pandemic things seem Difficult but not impossible. Story of one of our DCP saroj kumari on Mother's day@CMOGuj @PradipsinhGuj @GujaratPolice @ANI @InfoGujarat @dgpgujarat @Shamsher_IPShttps://t.co/joKsWtQhox
— Vadodara City Police (@Vadcitypolice) May 10, 2020
Thank you for your service to humanity.
1. Anupam Singh Ji Gehlot (IPS): Commissioner of Police, Vadodara
2. Shalini G. Aggarwal (IAS): Collector Shri, Vadodara
3. Saroj Kumari (IPS): Deputy Commissioner of Police, Vadodara#CoronaWarriors #NationalStudentsDay #ABVPVadodara🚩 pic.twitter.com/7i23DFVtYB— Darshan Gamechi (@DarshanGamechi) July 10, 2020
When IPS officer Saroj Kumari got her periods she thought to pull out of #VadodaraMarathon. Bt she participated and completd d race in 21-km category on Sunday. She says tht she wanted to send a message that periods are not a sign of weakness but tht of strength.
My story in TOI pic.twitter.com/moV8qSdLye
— Tushar Tere (@deartush) January 8, 2018
Saroj Kumari IPS appointed DCP- HQ & Admin, Vadodara City – https://t.co/7KuLK5Vnpo pic.twitter.com/85vsS6ly2A
— Indian Bureaucracy (@INDBureaucracy) October 4, 2019
आखिर मेरा सपना साकार हुआ। मुझे इस बात का गर्व भी है। वर्ष 2011 बेच की गुजरात केडर की IPS अधिकारी सरोज कुमारी ने बताया कि मैं जिस गांव और समाज से आई हूं, वहां IPS बनना मुश्किल था। मेरे पिता आर्मी में थे, परंतु वे 1987 में ही सेवानिवृत्त हो गए थे। उस समय उनकी पेंशन के 700 रुपए और खेती से होने वाली आय में हम चार भाई-बहन का गुजारा होता था। ऐसे में हमारी पढ़ाई का खर्च निकालना भी मुश्किल होता था। इसके बाद भी मां सुवादेवी ने और पिता द्वारा दिए गए मनोबल से मेरा IPS बनने का सपना पूरा हो गया है। आज जब मैं अपने अतीत को याद करती हूं, तो आंखें गीली हो जाती हैं।