कैंसर-लकवे ने व्हील चेयर दिया पर वे हारे नहीं, बने पहले दिव्यांग बॉडीबिल्डर, मिस्टर वर्ल्ड का भी जीता खिताब

New Delhi : कौन कहता है आसमान में छेद नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों। ये शब्द देश के पहले व्हीलचेयर बॉडीबिल्डर आनंद अर्नोल्ड के जीवन पर बिल्कुल सटीक बैठते हैं। उन्होंने अपनी इच्छा शक्ति और जुनून के दम पर सचमुच में आसमान में छेद कर दिया। वो लड़का जो 15 साल की उम्र में केंसर और पैरालाइसिसिस जैसी गंभीर बिमारियों की चपेट में आकर बिस्तर पर आ जाता है, वो ही अपने जुनून के दम पर एक दिन पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बना लेता है।

जिसे लोग अपाहिज कह कर ताने देते थे उसी लड़के ने अपने आपको इतना तपाया कि आज उसके जैसी शानदार बॉडी बनाने के लिए हर युवा आतुर रहता है। बिस्तर पर पड़े रहने वाला वो लड़का न सिर्फ बिस्तर से उठा बल्कि उसने दुनिया भर में बॉडीबिल्डिंग के कई रिकॉर्ड तोड़ डाले। जिसने भी इस युवा के बारे में जाना उसे अपनी परेशानिया अपनी, कमजोरियां बौनी दिखाई पड़ने लगी।
आनंद पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं। उनके परिवार में ज्यादातर सदस्य खिलाड़ी थे। इसलिए आनंद का रुझान भी अपने शरीर को फिट रखने और रोज एक्सरसाइज करने की तरफ बढ़ा। आनंद बचपन से ही रेगुलर एक्सरसाइज करते थे। 13 साल की उम्र उनकी मशल्स ने ग्रो करना शुरू कर दिया। जब वो अपने आपको आइने में देखते तो उन्हें बड़ा अच्छा लगता। अब वो अपनी शानदार बॉडी बनाना चाहते थे, लेकिन कुदरत ने उनकी कठोर परीक्षा ली। जब वो 15 साल के हुए तो उन्हें केंसर हो गया, डॉक्टर्स ने कह दिया था कि सात दिन के अंदर ऑपरेशन नहीं हुआ तो वो नहीं बच पाएंगे। ऑपरेशन होने के बाद उनका इलाज चल ही रहा था कि तभी उन्हें पेट के नीचे की पूरी बॉडी पर लकवा मार गया। जिससे पेट के नीचे के सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया। इसका असर उनके पूरे शरीर पर पड़ा। वो तीन सालों तक बिस्तर पर ही पड़े रहे। जो लड़का नियमित रूप से रोज एक्सरसाइज करता था उसने अपने तीन साल बिस्तर पर बिता दिए।
इन तीन सालों के दौरान वो बार-बार रोते और कहते कि ये मेरे साथ ही क्यों हुआ। आनंद हार मान चुके थे। उन्हे अपना जीवन बेकार लगने लगा था। उनके जीवन के सारे सपने मर चुके थे। उन्होंने सोचा जब बिस्तर पर ही मरना है तो क्यों न जिंदगी को जीते हुए मरा जाए। उन्होंने धीरे-धीरे बिस्तर पर ही एक्सरसााइज करनी शुरू कर दी, इससे उनकी मांसपेशियां खुलने लगीं और मजबूत होने लगीं। धीरे-धीरे वो अपने पेट के ऊपर के हिस्से को सही से चलाने लगे और इसके बाद वो बिस्तर से व्हील चेयर पर आए। अब उन्होंने व्हील चेयर पर ही जिम जाना शुुरू कर दिया, इसमें उनके दोस्तों ने बड़ी मदद की। वो व्हील चेयर पर बैठे-बैठे ही अपने दोस्तों की तरह एक्सरसाइज करने लगे। उनकी पुरानी मेहनत उनकी मांसपेशियों पर फिर से दिखने लगी। अब उन्होंने बॉडिबिल्डिंग को ही अपना पेशन बना लिया।

आनंद अपने पेशन बॉडीबिल्डिंग के दम पर पूरी दुनिया में छा गए। वो व्हील चेयर पर देश के पहले बॉडीबिल्डर हैं। उन्होंने व्हील चेयर पर ही 12 बार मिस्टर पंजाब का खिताब अपने नाम किया। साथ ही वे 4 चार बार व्हीलचेयर बॉडीबिल्डिंग में मिस्टर इंडिया रहे। 2017 में वो व्हीलचेयर पर मिस्टर वर्ल्ड बन गए। जिसके बाद उनकी जिंदगी ही बदल गई। अब वो एक सेलीब्रिटी बन चुके थे। आनंद अब तक विश्व और राष्ट्रीय स्तर पर 40 से ज्यादा खिताब अपने नाम कर चुके हैं। उन्हें देश विदेश में बड़ी-बड़ी कंपनिया मोटीवेशनल स्पीकर के तौर पर बुलाती हैं और वो एक अच्छे स्पीकर भी हैं।

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