New Delhi : शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सुशांत के लिये फिर से गंदगी उगली है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में संजय राउत ने लिखा है कि सीबीआई जांच से यह साफ हो गया है कि सुशांत सिंह राजपूत चरित्रहीन व्यक्ति था और अपनी लगातार असफलताओं से घबराया हुआ था। अब सीबीआई जांच को सार्वजनिक करने का वक्त आ गया है। साफ हो गया है कि मुम्बई पुलिस की तफ्तीश सही दिशा में थी और इस पूरे मामले का राजनीतिकरण किया गया। भाजपा और सहयोगी दल सुशांत केस को बिहार चुनाव में भुनाना चाहतीं थीं इसलिये उन्होंने इसे विवादित करने का प्रयास किया। लेकिन सीबीआई जांच से उनके चेहरे पर कालिख पुत गई है।
#WATCH We are not at all surprised by this. It was the finding of the team of Cooper Hospital as well: Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh on reports that AIIMS has stated it to be a case of suicide. #SushantSingRajputDeathCase pic.twitter.com/2L3MR9BsJW
— ANI (@ANI) October 5, 2020
#SushantAIIMSReport #SushantSingRajputDeathCase #Drsudheergupta #AIIMS #SSRDishaHomicide #SSRMurderNotSuicide #SushantAIIMSReport #Justice4SSRIsGlobalDemand #JusticeForSSR #AllEyesOnCBI https://t.co/Hhjym2GWS4
— Shubhi Shrivastav (@forssr_) October 5, 2020
1/1 .. It's really appalling to see Shiv Sena leaders repeatedly insulting and defaming late #SushantSinghRajput and his family. Today, also a derogatory remark has been made. Dignity of the dead needs to be respected as.@CMOMaharashtra @OfficeofUT @rautsanjay61 @AnilDeshmukhNCP
— Ram Kadam – राम कदम (@ramkadam) October 5, 2020
It's not a surprise for us to what Shiv Sena's Sanjay Raut has wrote in Saamna cause this shows their standards.
They think they can effect us but we are very strong & will stand by Sushant till the end !!@Republic_Bharat#SushantConspiracyExposed pic.twitter.com/lwdKr7Ruuj
— Sibangi🦋Sushant (@HazraSibangi) October 5, 2020
संजय राउत ने सामना के संपादकीय में लिखा है- सुशांत मामले की आड़ में दिनरात मुम्बई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर भौंकनेवाले न्यूज चैनलों को भी जवाब देना चाहिये। ऐसा लगता है कि एम्स रिपोर्ट आने के बाद सबको सांप सूंघ गया है। अब ऐसे चैनलों को पब्लिक से माफी मांगनी चाहिये। क्या अब ये लोग एम्स की रिपोर्ट को भी नकार देंगे? यह बड़ा सवाल है। पूरे प्रकरण में साफ हो गया है कि बिहार में नीतीश सरकार और उनके सहयोगियों के पास चुनाव के लिये कोई मुद्दा नहीं था तो वे मदारी बन गये और डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को इस मामले में नचाने लगे। फिर गुप्तेश्वर पांडेय भी नीतीश की पार्टी में चले गये। मुम्बई पुलिस पर चिल्लानेवालों और सीबीआई को जांच सौंपो, सीबीआई को जांच दो की रट लगानेवालों को अब इतने दिन बाद भी सीबीआई से पूछने की हिम्मत नहीं हो रही है कि सीबीआई की जांच में क्या हुआ?
सामना के संपादकीय में लिखा गया है – जब मामले में मुम्बई पुलिस जांच कर रही थी तो देशभर में कई गुप्तेश्वर को गुप्त रोग हो गया था। बेवजह चिल्लाने लगे थे। अब कहां है कंगना रनौत जिसने मुम्बई की तुलना पाकिस्तान और बाबर से की थी। किसी बिल में छिप गई है। हाथरस की दर्दनाक घटना पर ग्लिसरीन की मदद से ही सही दो आंसू तो बहाती, लेकिन अभी गायब है।