New Delhi : हाथरस प्रकरण उत्तर प्रदेश सरकार के लिये गले की हड्डी बनती जा रही है। सरकार इस प्रकरण को जरूर दबाने या ठंडा करने की कोशिश कर रही है लेकिन सामाजिक भेदभाव के तानेबाने और प्रशासनिक शिथिलता की वजह से मामला एक अलग ही रुख अख्तियार करता जा रहा है। अब इलाके के ठाकुरों ने अपना रुख कड़ा कर लिया है। इस मसले को लेकर आसपास के ठाकुरों ने महापंचायत बुलाई है। ठाकुर अब आरोपियों के समर्थन में मुहिम चलाने की योजना बना रहे हैं। यही नहीं इलाके में ये बात ठाकुरों के बीच आग की तरह फैला दी गई है कि पूरा मामला ऑनर का है और दलितों ने ठाकुरों को जानबूझकर फंसा दिया है।
"They (upper caste men) said if our boys are punished we will make sure you do not live." – #Hathras victim's mother tells me she found her daughter "with almost no clothes on. And now they claim she wasn't raped. Will she ever get justice"-My full report: https://t.co/5L5adTV0Rr pic.twitter.com/AOCw9Q5ffc
— barkha dutt (@BDUTT) October 4, 2020
"Such is the situation in India. Nothing happens to criminal but action taken against victim" : Rahul Gandhi on #Hathras during rally in Moga pic.twitter.com/VPPzDANoyK
— NDTV (@ndtv) October 4, 2020
Watch | Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad about to reach #Hathras to meet victim's family pic.twitter.com/l55zVok4Ka
— NDTV (@ndtv) October 4, 2020
WATCH: BJP leader and former Hathras MLA Rajvir Singh Pahalwan holds meeting at his place in support of #Hathras accused, says "no rape happened". Welcomes CBI enquiry to "get justice for innocents." pic.twitter.com/PvhJiB7tYO
— Asmita Nandy (@NandyAsmita) October 4, 2020
दूसरी तरफ पीड़ितों की आवाज बनकर सामने आनेवाले भीम सेना के चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण आज पीड़ितों से मिलने के लिये पहुंचनेवाले हैं। ऐसी आशंका है कि रावण के वहां पहुंचने से इलाके के दलितों को भी गोलबंद करने में मदद मिलेगी। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपने सहयोगियों के साथ पीड़ितों से मिलने पहुंचेंगे। इलाके में चौतरफा मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। ऐसा लग रहा है जैसे किसी बड़े तूफान से पहले की शांति हो। कोई एक दूसरे से बात करने तक को तैयार नहीं।
इलाके का ठाकुर समाज खुलकर चुनौती दे रहा है। दलित परिजनों के लिये आक्रोश में उबल रहा है। उनको लग रहा है मीडिया, अफसर और राजनेताओं ने अपना-अपना हित साधते हुये ठाकुरों को नीचा दिखाया है जबकि मामला कुछ अलग ही था। इसलिये इन मसलों पर आम राय कायम करने के लिये महापंचायत बुलाई गई है। दो दिन पहले ही जब पुलिस की निगरानी में पीड़ित परिवार नजरबंद था तो ठाकुरों की गांव में इस पर पंचायत हुई थी और गांव की पंचायत ने यह मान लिया है कि मामला ऑनर का है और ठाकुर समुदाय पर कीचड़ उछाला जा रहा है।
And this is for the support of the ‘rapists and murderers’ near the #hathras victim’s house! https://t.co/ybdQ8BC06n
— Sayema (@_sayema) October 4, 2020
Watch | Upper caste meet in #Hathras to demand probe in the victim's family
NDTV's @akshaydongre4 reports pic.twitter.com/Q61O7qjv9M
— NDTV (@ndtv) October 4, 2020
#WATCH Incidents like these can be stopped with help of good values, na shashan se na talwar se. All parents should teach their daughters good values. It's only the combination of govt & good values that can make country beautiful: Surendra Singh, BJP MLA from Ballia. #Hathras pic.twitter.com/47AmnGByA3
— ANI UP (@ANINewsUP) October 3, 2020
#RahulGandhi and #PriyankaGandhiVadra console #Hathras victim’s family
(Photos: @INCIndia) pic.twitter.com/2dQGrWgt3m
— NDTV (@ndtv) October 3, 2020
इधर राज्य सरकार के मामले की जांच सीबीआई से कराने के फैसले को लेकर भी पीड़ित परिवार सहमे हुये हैं। उन्हें नार्को टेस्ट का भी सरकार का फैसला गले के नीचे नहीं उतर रहा है। शनिवार को जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पीड़ित परिजनों से मिलने गये थे तो यह मामला उठा था। इतना ही नहीं पीड़ित परिजनों का कहना है कि पूरे देश में यह इकलौता केस होगा जहां पीड़ित परिजनों का ही नार्को टेस्ट किया जायेगा। आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है? मामले में एसआईटी की जांच चल रही थी और हमने सीबीआई की जांच कराने की मांग भ नहीं की तब भी सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी गई। यह सब क्यों किया जा रहा है? पिछले कई दिनों से अस्त व्यस्त चल रहे पीड़ित परिजनों के इन सवालों का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।