New Delhi : हम तो कह रहे हैं कि आप मुख्यमंत्री को तो छोड़ ही दीजिए। आप किसी वार्ड पार्षद को ले लीजिए। अपने आसपास के ही वार्ड पार्षद को ले लीजिए। बढ़िया लग्जरी गाड़ी और एक घर तो कम से कम होगा ही। विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री की तो आलीशान अट्टालिकाओं और अकूत धन-धौलत की कहानी आप रोज ही सुनते और देखते हैं। भारतीय राजनीति में धनबल और बाहुबल इतना आम हो गया है कि आज जो बातें हमारी आंखों को चुभनी चाहिए, वे सहज हो गई हैं। करप्शन से जुटाई गई धन-दौलत इतनी सुलभ हो गई है कि हमें भ्रष्टाचार की आदत पड़ गई है। लेकिन भारतीय राजनीति हमेशा से ऐसी नहीं थी। कम से कम भोला पासवान शास्त्री के समय तो ऐसा नहीं ही था।
मीडिया से ख़बर मिली कि 60 के दशक में बिहार के CM रहे स्वर्गीय भोला पासवान शास्त्री जी का परिवार लॉकडाउन के दौरान खाने के दाने-दाने को मोहताज है। परिवार के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। तुरंत परिवार से बात कर 1 लाख रु की आर्थिक सहायता और पर्याप्त राशन पहुँचाया। pic.twitter.com/WREnjDNT04
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 4, 2020
See our great congress leader Bhola Paswan Shastri ji as CM in Bihar. https://t.co/6T2FHwEfUV
— Buxar Congress (@ArvindS93101439) September 13, 2019
Bhola Paswan Shastri (1914 – 1984)#IndependenceDay2019 #IndependenceDay #IndependenceDayIndia
He is one of the revolutionaries who played a critical role in the freedom struggle. He was born in the untouchable community though he turned…
Read now: https://t.co/17N9VpOJbk pic.twitter.com/5y4iSSvfRG
— Jaborejob (@jaborejob) August 14, 2019
Successful organisation of 104th Birth Anniversary of first Dalit Chief Minister of Bihar Bhola Paswan Shastri by Kabir ke Log alongwith Musical Tributes to Atal Ji&UN International Peace Day. More than 1000 people from across the State & beyond participated in the day-long event pic.twitter.com/AMlbLR8qAi
— Dr. Sanjay Paswan (@sanjaypaswanbjp) September 22, 2018
अब आप यह मत कहिएगा कि भोला पासवान शास्त्री को नहीं जानते। राजनीति और समाज में रुचि रखने वाले हर बिहारी को कम से कम इस शख्सियत को तो जानना ही चाहिए। एक बार के लिए छोड़ दीजिए इनकी सादगी की कहानी, लेकिन कम से कम इन्हें इसलिए तो जरूर जानिए कि ये बिहार के सीएम रह चुके हैं, वो भी एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार। अब आप ही सोचिए भला कि जो शख्स तीन-तीन बार सीएम रहा क्या उसका परिवार मजदूरी करेगा? जी हां, भोला पासवान शास्त्री का परिवार आज न केवल इतना गरीब है बल्कि लॉकडाउन के दौरान तो दाने-दाने को मोहताज भी हो गया था। वो तो भला हो तेजस्वी यादव का जिन्होंने इस परिवार की सुध ली और एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता तुरंत उपलब्ध करवाई। इसके अलावा चिराग पासवान ने भी उन्हें 1.11 लाख रुपये की मदद की।
भोला पासवान शास्त्री कांग्रेस के नेता थे। उनका जन्म 21 सितंबर 1914 को पूर्णिया में हुआ था। स्वतंत्रता सेनानी रहे भोला पासवान शास्त्री की कहानी ऐसी है जिसे आज के नेताओं को खासकर पढ़नी और गुननी चाहिए। अपने राजनीतिक जीवन में भोला पासवान शास्त्री पंडित नेहरू के काफी करीब थे। पहली बार वो 1968 में बिहार के सीएम बने। सीएम के तौर पर उन्होंने तीन छोटा-छोटा कार्यकाल जीया। सीएम रहने के अलावा शास्त्री केंद्र सरकार में मंत्री भी थे। आम आदमी की तरह जिंदगी जीने के लिए ख्यात शास्त्री के बारे में मशहूर था कि वह कहीं भी कंबल बिछाकर अफसरों के साथ मीटिंग कर लेते थे। सादगी की मिसाल ऐसी कि गांव पर अपने लिए कोई संपत्ति अर्जित नहीं की।
भोला पासवान शास्त्री का जन्म 21 सितंबर 1914 को पूर्णियां के बैरगच्छी में हुआ था। वे एक बेहद ईमानदार और देशभक्त स्वतंत्रता सेनानी थे। बीएचयू से शास्त्री की डिग्री हासिल करने के बाद वह राजनीति में सक्रिय थे।
भोला पासवान शास्त्री असल में बीएचयू से शास्त्री डिग्री वाले थे। बीएचयू से पढ़ाई करने के बाद वह पूरी तरह राजनीति को समर्पित हो गए थे। ऐसा कहा जाता है कि जब भोला पासवान शास्त्री का निधन हुआ तो उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि श्राद्ध कर्म भी कराया जा सके। पंडित नेहरू के बाद उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के साथ भी मिलकर काम किया। उनकी सादगी से प्रभावित होकर इंदिरा भी उनका काफी सम्मान करती थीं। इंदिरा की नजर में उनका सम्मान जीवन भर कायम रहा। आज हालात ऐसे हैं कि शास्त्री का परिवार सरकार की तरफ से मिले इंदिरा आवास में रहता है। आप कल्पना कीजिए राजनीति के उस सेवा भाव की, जिसे शास्त्री जैसे निर्विवाद नेता ने ताउम्र जीया।
हर वर्ष 21 सितंबर को भोला पासवान शास्त्री की जयंती पर जिला प्रशासन की तरफ से पूर्णिया के बैरगाछी में समाराहों आयोजित किया जाता है, जिसमें जिला पदाधिकारी के अलावा स्थानीय विधायक और अन्य जान प्रतिनिधि मुख्य रूप से शामिल होते हैं। आज बिहार में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। आज आप खुलेआम धनबल और बाहुबल का खेल देख रहे हैं। लेकिन ये खेल आपकी आंखों में चुभ नहीं रहा।
Story of former Bihar CM Bhola Paswan Shastri will inspire you https://t.co/ztQf22PZNu
— jitendra khatri (@Jitendr1543) September 22, 2020
Congress party made Bhola Paswan Shastri the Chief Minister of Bihar in the late 60s. This was the first incident of a Scheduled Caste leader becoming Chief Minister in any state of the country.#कांग्रेस_पिछड़ों_के_साथ
— Bihar Youth Congress (@IYCBihar) July 7, 2020
The lockdown has forced the family of Bhola Paswan Shastri, a Dalit politician known for his uprightness who helmed the Bihar government three times between 1968 and 1972, to borrow from village moneylenders to survive. @JournoDevRaj @ttindia @SankarshanT https://t.co/kA2FB0vezi
— Upala Sen (@UpalaSen) June 6, 2020
ऐसा इसलिए क्योंकि इस खेल में आपको भी मजा आने लगा है। वरना अगर आप अपनी आंखों को खोलेंगे, लग्जरी और भौकाल की दुनिया से बाहर निकलेंगे तो आपको अपने आसपास भोला पासवान शास्त्री जैसे नेता भी जरूर दिखाई देंगे। आज अगर आपको अपना जीवन, परिवार, समाज, राज्य और देश को विकास के पथ पर ले जाना है तो आपको भोला पासवान शास्त्री जैसे नेताओं को खोजना पड़ेगा और वोट की ताकत के साथ उनके पीछे खड़ा होना पड़ेगा। (साभार-bihar.express, लाइव बिहार)