New Delhi : सुशांत प्रकरण में मुखर कंगना रनौत का पेंग्विन कमेंट और फिर बॉलीवुड के मूवी माफिया, नेपो किड्स को लेकर आक्रामक रुख आज 9 सितंबर को अपने आखिरी मुकाम पर पहुंचा। शिवसेना सरकार ने बीएमसी को जरिया बनाते हुये कंगना के ऑफिस को नेस्तनाबूद कर दिया। जिसके बाद पूरे देश में कंगना रनौत के समर्थन में माहौल बनने लगा। खासकर तब जब शिवसेना सरकार से बिना डरे वे मुम्बई पहुंची और अपने ऑफिस के भीतर की गई तोड़फोड़ का वीडियो जारी करते हुये उद्धव ठाकरे को सीधी चुनौती दे डाली। उनको बॉलीवुड के बड़े स्टार्स का समर्थन तो नहीं मिला लेकिन पॉलिटकल पार्टीज में हर तरफ उनकी ओर से ही बात की गई। शिवसेना अकेले घिर गई है इस पूरे मामले में।
Kangana Ranaut Row Backfires On Sena? Sharad Pawar Meets Uddhav Thackeray @ChitnisPurva, @MickyGupta84 report
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— NDTV (@ndtv) September 9, 2020
This was not just to me but to entire building and this is not my flat issue but a building issue which builder needs to deal with and this building belongs to Sharad Pawar we bought the flat from his partner so he is answerable for this not me..
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 9, 2020
#BharatForKangana | They are not just petty, they are vindictive and they have the power that is why they are doing this. They cannot treat the citizens as their servants: Brinda Adige, Activist pic.twitter.com/aKqr11BogQ
— Republic (@republic) September 9, 2020
यहां तक की कांग्रेस और एनसीपी के नेता भी कंगना के पक्ष में बोलना शुरू कर दिया। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने तत्काल मसले से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा- पूरे मुम्बई में इस तरह के मामले हैं। इस मामले में बीएमसी को ऐसा नहीं करना चाहिये था। यह बहुत गलत किया गया है। देर शाम शरद पवार ने उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की और उन्होंने सरकार चलाने में इस विवाद को ज्यादा हवा न देने की नसीहत भी दी। कई बातें हैं लेकिन एक बात जो सटीक लग रही है वो ये कि एनसीपी कहीं इसी मसले को लेकर शिवसेना से किनारा न कर ले और भाजपा अपनी चाल में कामयाब हो जाये। हालांकि इस संभावना को आकार लेने में काफी समय लगेगा।
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा- कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका ? क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी। पूरा एक्शन प्रतिशोध से ओत-प्रोत था। लेकिन बदले की राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है। कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरु हो जाए !
''कंगना के पीछे पड़ना शिवसेना की बहुत सस्ती और बाज़ारू हरकत है'': @sanjaynirupam#हल्ला_बोल | @anjanaomkashyap LIVE- https://t.co/fOz5QPkk43 pic.twitter.com/qcOi85kkVv
— AajTak (@aajtak) September 9, 2020
कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका ?
क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी।
पूरा एक्शन प्रतिशोध से ओत-प्रोत था।
लेकिन बदले की राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है।
कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरु हो जाए !#KanganaRanaut— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) September 9, 2020
महाराष्ट्र भी भारतीय संविधान के अंतर्गत आने वाला प्रदेश है। आज कंगना के साथ जो हुआ है वह कल पूरे देश के विभिन्न प्रान्तों से आये लोगों के साथ हो सकता है। मुम्बई को सबने मिलकर बनाया है वह किसी अकेले की विरासत नहीं।
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) September 9, 2020
शाम में हर न्यूज चैनल पर कांग्रेस नेताओं ने इसे गलत करार दिया और शिवसेना अकेले पड़ गई। ऐसा लग रहा है कि शिवसेना इस मामले में भाजपा की राजनीतिक चाल में फंस गई है। यही नहीं शिवसेना को अब अपने अस्तित्व को बचाना भी एक बड़ी चुनौती हैं, क्योंकि शिवसेना के विरोध में जय श्रीराम के नारे लग रहे हैं और पार्टी को जबरिया सेक्युलर की पंक्ति में खड़ा कर दिया गया है जहां कोई उसे स्वीकार करने को तैयार नहीं। हालांकि ट्रेंड से ये तो जरूर समझ में आ रहा है कि पहली बार शिवसेना की कोई कार्रवाई पूरे देश के मुसलमानों को बहुत पसंद आ रही है।
आज कहीं ईंट गिरी है…कहीं इज्ज़त: @sambitswaraj#हल्ला_बोल | @anjanaomkashyap LIVE- https://t.co/fOz5QPkk43#ATVideo #Maharashtra #India pic.twitter.com/KUBWzGY7gR
— AajTak (@aajtak) September 9, 2020
बीजेपी के @sambitswaraj ने शिवाजी महाराज पर सुनाई एक कविता और कहा- ''शिवाजी महाराज ने औरंगज़ेब धूल चटाई थी'', हुई अतीक उर रहमान, राजनीतिक विश्लेषक से ज़ोरदार बहस #हल्ला_बोल | https://t.co/fOz5QPkk43 pic.twitter.com/UXWipVxblP
— AajTak (@aajtak) September 9, 2020
आज उसने कुछ “ईंट” खोया है।
और तुमने अपनी सारी “इज़्ज़त”।
अब आप ही सोचिए “ईंट” बड़ी है या “इज़्ज़त”।#ईंटVsइज़्ज़त— Sambit Patra (@sambitswaraj) September 9, 2020
भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि शिवसेना सरकार को बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। वे एक महिला को झुकाने के लिये नीच हरकत पर उतर आई है। पहले ही सुशांत प्रकरण में ये साबित हो गया है कि उनकी पूरी मिलीभगत है। वैसे तो कंगना प्रकरण में कांग्रेस, एनसीपी अपना पल्ला झाड़ रही है लेकिन ऐसा तुरंत संभव हो पायेगा ऐसा लगता नहीं है।