अनोखी पहल- घर बैठ किताब की मदद से देंगे परीक्षा, स्टूडेंट‍्स को 24 घंटे में जमा करना होगा जवाब

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट और यूजीसी के दिशानिर्देशों के बाद कोलकाता यूनिवर्सिटी ने ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष की परीक्षा लेने का तरीका खोज निकाला है। परीक्षा ऑनलाइन होगी। स्टूडेंट‍्स को 24 घंटे के भीतर सवालों का जवाब तैयार कर ऑनलाइन ही जमा करना होगा। परीक्षा देने के लिये स्टूडेंट‍्स को कॉलेज या यूनिवर्सिटी नहीं बुलाया जायेगा। स्टूडेंट‍्स घर बैठे ही परीक्षा दे सकेंगे। संबंधित कालेजों की ओर से स्टूडेंट्स को वॉट्सऐप या ई-मेल के जरिये प्रश्नपत्र भेजे जायेंगे। स्टूडेंट्स किताब की मदद से उन सवालों का जवाब तैयार करेंगे। साफ है, फेल होने का कोई चान्स ही नहीं।

स्टूडेंट भी सवालों के जवाब तैयार करने के बाद 24 घंटे के भीतर ई-मेल से या वॉट्सऐप के जरिये अपना जवाब सबमिट करेंगे। दूर-दराज के इलाकों में जहां इंटरनेट, बिजली या कंप्यूटर की सुविधा नहीं है, वहां के स्टूडेंट अपनी कापी लिखकर कॉलेज में जाकर जमा कर सकेंगे। पर, दुविधाजनक स्थिति यह है कि ऐसे स्टूडेंट‍्स को भी 24 घंटे के भीतर ही कालेज जाकर अपना जवाब सबमिट करना होगा। इसके अलावा कॉपियों की जांच पहली बार कॉलेज के शिक्षकों से ही कराने का निर्णय लिया गया है। यानी जो टीचर पढ़ाते हैं वे ही जवाब भी चेक करेंगे।
राज्य सरकार ने इन परीक्षाओं को 1 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक आयोजित कराने और 31 अक्टूबर तक रिजल्ट जारी करने का फैसला किया है। शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों के वाइस-चांसलरों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। कोलकाता यूनिवर्सिटी के तहत करीब डेढ़ सौ कालेज हैं। इनमें तीस हजार से ज्यादा स्टूडेंट फाइनल ईयर में हैं। उन तमाम कालेजों में इसी तरीके से परीक्षा होगी। शिक्षाविदों का मानना है कि इस तरीके से स्टूडेंट‍्स तो सुरक्षित रहेंगे लेकिन उनकी योग्यता का सही आकलन नहीं हो सकेगा।

इधर शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा – संक्रमण का खतरा है। दूसरी ओर परिवहन के साधन भी ज्यादा नहीं हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने और वहां रहने-खाने में भारी दिक्कत होगी। पूरी परीक्षा ऑनलाइन करने की स्थिति में ग्रामीण इलाके के स्टूडेंट्स के लिए मुसीबत पैदा हो जाती। इन तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ही इस तरीके को चुना गया है। बता दें कि राज्य सरकार कोरोना की वजह से अभी परीक्षा कराने को तैयार नहीं थी लेकिन यूजीसी और सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन्स के बाद परीक्षा का यह फॉर्मेट तैयार किया गया है।

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