पापा की परी ने पूरे किये सपने- YouTube से भी की पढ़ाई, जज बन गईं साधारण परिवार की आकांक्षा

New Delhi : ज्यादातर लोग सोशल मीडिया को समय की बर्बादी मानते हैं या फिर मनोरंजन का साधन मानते हैं। बच्चों के पैरेंटस तो इसी बात को लेकर परेशान रहते हैं कि बच्चे पढ़ाई और किताबों में कम समय दे रहे हैं और मोबाइल-कम्प्यूटर पर पूरा समय बर्बाद कर देते हैं। या तो गेम खेलने में या फिर इंटरटेनिंग वीडियोज या टिकटॉक जैसे ऐप पर। लेकिन इस बीच आकांक्षा तिवारी ने साबित कर दिखाया कि सोशल मीडिया समय की बर्बादी नहीं है। इसका उपयोग पढ़ाई में भी किया जा सकता है।

पीसीएस-जे में पहली रैंक हासिल करने वाली आकांक्षा तिवारी का कहना है- मैंने पीसीएस-जे की तैयारी के लिए सोशल मीडिया के साथ ही यू-ट्यूब और एजुकेशन एप का भी सहारा लिया। मेरी सफलता में घरवालों के साथ ही इनका योगदान भी अहम है। आकांक्षा के माता-पिता गोमतीनगर के विभवखंड में रहते हैं। आकांक्षा के पिता शिव पूजन तिवारी एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं और लखनऊ में रहते हैं।
आकांक्षा बताती हैं कि प्रतियोगी किताबों व अखबार से मैंने अपनी जीके पर पकड़ बनाई। बाकी विषयों की तैयारी के लिए विभिन्न किताबों और स्टडी मैटीरियल का सहारा लिया। खुद के और शिक्षकों के नोट्स भी पढ़े। परीक्षा में टॉप करने के बाद परिवारीजनों की खुशी का ठिकाना नहीं हैं। घर में सभी ने केक काटा और बधाइयां दीं। जितने भी जानने वाले हैं सभी ने फोन कर बधाई दी।

आकांक्षा ने बताया कि मैं भविष्य में एक उत्कृष्ट जज बनना चाहती हूं। मेरे पिता ने पढ़ाई के लिए बचपन में ही मुझे दिल्ली भेज दिया था। यहीं से स्कूलिंग की और बाद में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से लॉ करने के बाद मैं फिर से दिल्ली आ गई और पीसीएस-जे की तैयारी करने लगी। पहले ही प्रयास में मैंने पहली रैंक हासिल की है। अपने पिता, मां सरस्वती तिवारी और शिक्षकों को इसका श्रेय देती हूं।

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