New Delhi : जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में अपना जीवन देश के नाम करनेवाले उत्तराखंड के वीर सपूत प्रदीप सिंह रावत के घर कुछ ही महीनों पहले नन्ही परी ने जन्म लिया तो पत्नी के आंसू न थमें। उनका कहना था कि उनके पति की इच्छा थी उनकी बेटी हो। अब उनकी ये इच्छा पूरी हुई है तो वे नहीं हैं। आज भले ही वे हमारे पास नहीं हैं लेकिन अब हमारी बेटी देश सेवा के लिए समर्पित होकर हमारा सपना पूरा करेगी। प्रदीप के पिता कुंवर सिंह रावत ने पोती के जन्म पर खुशी जाहिर करते हुए कहा था – बड़ी होकर बिटिया अपने पिता की तरह देश की सेवा और नाम रोशन करेगी।
After all what is going on in the borders, You came as a peace envoy. We have lost our three companions in just 2 months and if I talk about the Uttarakhand, then I do not have complete numbers.
Warm regards to martyr Pradeep Singh Rawat। #Rishikesh #SushmaSwaraj #nsitharaman pic.twitter.com/K5l0gJAd0u— Nittesh Bijalwan (@Nitish_Bijalwan) August 13, 2018
उन्होंने बताया कि उनके बेटे की निशानी नातिन का जन्म हुआ है। एम्स ऋषिकेश में नातिन ने जन्म लिया। प्रदीप की मां अपने बेटे को आज भी याद करते हुए भावुक हो जाती हैं। देश के लाल लांसनायक प्रदीप सिंह रावत जम्मू-कश्मीर के बारामुला में एलओसी पर तैनात थे। 12 अगस्त 2018 को उन्होंने अपनी साहस का परिच दिया और उत्तराखंड व देश का नाम रोशन किया। जिसके बाद इलाज के दौरान वे नहीं रहे। प्रदीप रावत अपने परिवार में तीन बहनों के इकलौते भाई थे।
बता दें कि जब उड़ी सेक्टर में लोहा लेते हुये प्रदीप सिंह रावत ने अपनी जान देश के नाम कर दी। उस समय उनकी पत्नी 7 माह के गर्भ से थीं। जवान प्रदीप की शादी एक साल पहले जनवरी 2017 में हुई थी। 30 अक्टूबर 2018 को उनकी पत्नी नीलम रावत ने बेटी को एम्स ऋषिकेश में जन्म दिया।