New Delhi : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को एक ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी से कहा कि देश में विकसित किये जा रहे कोरोना के टीकों के दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण लगभग पूरा हो गया है। केंद्र सरकार के फैसले पर किसी टीके को आपात मंजूरी देने पर विचार किया जा सकता है। हालांकि यह कब और कैसे संभव है इस पर स्थिति साफ नहीं की गई है। वैसे आईसीएमआर के इस तर्क से जल्द ही लोगों को कोरोना से सुकून मिलने की उम्मीद काफी बढ़ गई है।
Covid-19 vaccine's emergency authorisation could be considered if govt decides: ICMR to parliamentary panel https://t.co/KUeeeOzXJ1
— TOI India (@TOIIndiaNews) August 19, 2020
न्यूज एजेंसी की खबरों के मुताबिक आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति के सदस्यों को सूचित किया कि भारत बायोटेक, कैडिला और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित टीके परीक्षण के विभिन्न स्तर पर हैं। बैठक में मौजूद एक सांसद के हवाले से यह खबर एजेंसी ने जारी की है, जिसके मुताबिक भारत बायोटेक और कैडिला द्वारा विकसित किये जा रहे टीकों के दूसरे चरण का परीक्षण लगभग पूरा होने वाला है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित टीके के विकास का काम सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया संभाल रही है। इस हफ्ते के अंत में इसका दूसरे चरण के दूसरे हिस्से का परीक्षण शुरू हो जायेगा। इसके लिये देशभर के 17 केंद्रों में 1,700 मरीजों को चिह्नित किया गया है। बैठक में शामिल हुए सांसदों के अनुसार जब भार्गव से पूछा गया कि लोगों को कितने समय तक महामारी के साथ रहना होगा तो उन्होंने जवाब दिया कि सामान्यत: अंतिम परीक्षण में छह से नौ महीने लगते हैं लेकिन अगर सरकार फैसला करे तो आपात स्थिति में स्वीकृति प्रदान करने पर विचार किया जा सकता है।
On #COVID19 testing from gargled water and emergency authorisation for vaccine, ICMR says this https://t.co/zCY91zap4O
— FinancialXpress (@FinancialXpress) August 19, 2020
अमेरिका में कोरोना वायरस का तेजी से पता लगाने के लिये एफडीए द्वारा स्वीकृत सलाइवा जांच के बारे में समिति के सवालों के जवाब में भार्गव ने कहा कि गरारे के पानी से लार के नमूने लेने पर पहले ही विचार चल रहा है और जल्द ही आगे का ब्योरा साझा किया जायेगा। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य आनंद शर्मा ने की। बैठक चार घंटे से अधिक समय तक चली और इसमें महामारी से निपटने के अनेक पहलुओं पर चर्चा हुई।