New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार 13 अगस्त को देश के ईमानदार करदाताओं के लिये नया प्लेटफॉर्म ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन, ऑनरिंग द ऑनेस्ट लॉन्च किया। इसमें 3 बड़े रिफॉर्म- फेसलेस एसेसमेंट, टैक्सपेयर चार्टर और फेसलेस अपील शामिल हैं। पहले दो 13 अगस्त से लागू हो गये हैं, जबकि फेसलेस अपील की व्यवस्था दीनदयाल उपाध्याय जन्मदिवस 25 सितंबर से लागू हो जायेगी। आप जिस शहर में रिटर्न फाइल कर रहे हैं, वहां का इनकम टैक्स अफसर आपका केस नहीं देखेगा, बल्कि कंप्यूटराइज्ड प्रोसेस से देशभर के किसी भी अफसर को केस अलॉट हो जायेगा। इससे अफसर टैक्सपेयर्स को बेवजह परेशान नहीं कर सकेंगे।
India salutes then hardworking taxpayers. #HonoringTheHonest https://t.co/fRdqbcSIgt
— Narendra Modi (@narendramodi) August 13, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा- इसका मकसद करदाताओं की दिक्कतें कम करना और अफसरों की जवाबदेही तय करना है। ताकि ईमानदार टैक्सपेयर्स को सम्मान मिले। शिकायतों का जल्द समाधान हो। नोटिस मिलने के बाद के प्रोसेस को लेकर भी टैक्सपेयर को कोई आपत्ति है तो वह अपील कर सकता है। यह भी फेसलेस प्रोसेस होगी। टैक्स पेयर और जिस अफसर के पास अपील पहुंचेंगी वे दोनों एक-दूसरे से अनजान रहेंगे।
पीएम ने कहा – बीते 6 साल में हमारा फोकस रहा है, बैंकिंग द अनबैंक, सिक्योरिंग द अनसिक्योर और फंडिंग द अनफंडेड। आज एक नई यात्रा शुरू हो रही है। ऑनरिंग द ऑनेस्ट, ईमानदार का सम्मान। बीते कुछ सालों में 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म किया गया है। ईज ऑफ डूइंग में कुछ साल पहले भारत 134 वें नंबर पर था, अब 63वें नंबर पर है।
इस प्लेटफॉर्म में Faceless Assessment, Faceless Appeal और Taxpayers Charter जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं।
Faceless Assessment और Taxpayers Charter आज से लागू हो गए हैं: PM @narendramodi #HonoringTheHonest
— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2020
Honoring the Honest- ईमानदार का सम्मान।
देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
जब देश के ईमानदार टैक्सपेयर का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ता है: PM @narendramodi #HonoringTheHonest
— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2020
पीएम बोले- 2012-13 में जितने रिटर्न फाइल होते थे, उनमें से 0.94% की स्क्रूटनी होती थी। 2018-19 में ये घटकर 0.26% पर आ गई। यानी स्क्रूटनी चार गुना कम हुई है। रिटर्न भरने वालों की संख्या में बीते 6-7 सालों में करीब 2.5 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन, इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि 130 करोड़ लोगों के देश में टैक्स भरने वालों की संख्या बहुत कम है। सिर्फ 1.5 करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं। आपसे अपील करूंगा कि इस पर हम सब को चिंतन करने की जरूरत है। ये आत्मनिर्भर भारत के लिये जरूरी है।