पापा बोले- सुशांत बच जाता मैंने 25 फरवरी को शिकायत दी थी, मुम्बई पुलिस बोली- कोई कंप्लेन नहीं मिली

New Delhi : सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने आज 1 अगस्त को एक वीडियो संदेश जारी कर मुम्बई पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाये। उन्होंने कहा- 25 फरवरी को मुम्बई पुलिस से शिकायत की थी। इसमें आशंका व्यक्त की थी कि सुशांत के साथ कुछ गलत हो सकता है। उस वक्त मुम्बई पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। फिर जून में जब बेटा सुशांत नहीं रहा तो पुलिस से कहा कि आप मेरे फरवरी वाले आरोप पर ही कार्रवाई कीजिये। लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया जिससे एहसास हो कि मुझे न्याय मिलेगा।

फिर मैंने पटना लौटने के बाद राजीव नगर पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज कराई और इंसाफ मांगा। मेरी शिकायत पर बिहार पुलिस हरकत में आई। तो मुम्बई पुलिस को सहयोग करना चाहिये। सभी लोगों को इंसाफ दिलाने में बिहार पुलिस की मदद करनी चाहिये। हालांकि मुम्बई पुलिस ने सुशांत के पापा के इस शिकायत को नकार दिया है। मुम्बई पुलिस की तरफ से बताया गया है सुशांत के बहनोई ओपी सिंह ने फोन से शिकायत की थी। मुम्बई जोन 9 के डीसीपी को संदेश भेजा था जिस पर डीसीपी ने साफ कहा था कि लिखित शिकायत देना होगा।। मुम्बई पुलिस को आज तक लिखित शिकायत नहीं मिली है। इधर राजद नेता तेजस्वी यादव ने आज कहा – नीतीश सरकार के ढुलमुल रवैये की वजह से बिहार के पुलिस अफसरों को मुम्बई में अपमान का सामना करना पड़ रहा है।

 

भारतीय जनता पार्टी के विधायक और सुशांत सिंह राजपूत के रिश्तेदार नीरज सिंह ने बिहार विधानसभा में सुशांत प्रकरण की जांच सीबीआई के हवाले करने का अनुरोध किया है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने भी उनका समर्थन करते हुये इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है। नीरज सिंह की पत्नी विधान पार्षद‍् नूतन सिंह ने भी बिहार विधान परिषद‍् में सुशांत केस की जांच सीबीआई से कराने का मुद्दा उठाया।
इधर बिहार के मंत्री संजय झा ने मुम्बई में पटना के सिटी एसपी आईपीएस बिनय तिवारी को जबरिया होम क्वारैंटाइन करने पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि पहले भी चार अफसर सुशांत प्रकरण की जांच के लिये मुम्बई गये थे। उनको क्वारैंटाइन नहीं किया गया लेकिन एसपी को जबरन रात 11 बजे हो क्वारैंटाइन कर दिया गया। पूरा देश देख रहा है कि महाराष्ट्र की राज्य सरकार और पुलिस किस तरह का काम कर रही है। उन्हें इसका जवाब देना होगा।

बहररहाल इस मामले को लेकर जिस तरह से मुम्बई पुलिस बिहार पुलिस के सामने रोड़ा बनकर खड़ी हो गई है उससे साफ है कि महाराष्ट्र सरकार को इस केस में बिहार पुलिस या किसी दूसरे की इंट्री मंजूर नहीं है। एक तरह से यह पूरा मामला सीबीआई की ओर ही बढ़ता दिख रहा है। खासकर रविवार देर रात सुशांत केस की जांच को लेकर मुम्बई पहुंचे पटना एसपी बिनय तिवारी को देर रात जबरिया होम क्वारैंटाइन करने के बाद बिहार डीजीपी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मुम्बई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के बयानों के बाद।
मुम्बई के पुलिस कमिश्नर ने सुशांत प्रकरण में निर्लज्जता की सारी हदें पार करते हुये कहा- बिहार पुलिस को इस मामले की जांच का अधिकार था ही नहीं। अगर उनके पास कोई कम्प्लेन आई थी तो उन्हें वह कम्प्लेन मुम्बई पुलिस को ट्रांसफर करना चाहिये था। हम इस मसले पर कानूनी सलाह ले रहे हैं कि क्या बिहार पुलिस को इस मामले की जांच करनी चाहिये। ये उचित नहीं है।

उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुये कहा- मुम्बई पुलिस इस मामले की जांच सही दिशा में कर रही है। अभी तक 56 लोगों के बयान दर्ज किये गये हैं। सुशात की बहनों से बात की गई और उन्हें बुलाया गया लेकिन वे नहीं आईं। सुशांत के रिश्तेदारों ने किसी पर आरोप नहीं लगाया। हमारी जांच की दिशा एकदम सही है। हमने 13 और 14 जून के सीसीटीवी फुटेज अपने कब्जे में ले लिये हैं। सुशांत के बैंक अकाउंट‍्स के डिटेल भी खंगाले जा रहे हैं।
इधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महाराष्ट्र सरकार और मुम्बई पुलिस के बर्ताव पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आज 3 अगस्त सोमवार को कहा- यह जो कुछ हो रहा है और हुआ है वो ठीक नहीं है। यह राजनीति तो हो नहीं रही। मैंने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे से इस मसले पर बात की है। उन्होंने महाराष्ट्र के सक्षम अधिकारियों से बात की है। यह अच्छा नहीं हुआ है, जो भी हुआ है। उन्हें समझना होगा कि बिहार पुलिस अपनी जांच पड़ताल में जुटी हुई है।

इस मामले में गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा- मैं महाराष्ट्र के डीजीपी से बात करने की कोशिश कर रहा हूं। सुशांत सिंह मामले की जांच करने मुंबई पहुंचे आइपीएस ऑफिसर सिटी एसपी विनय तिवारी को 14 दिनों के लिये होम क्वारंटाइन किया गया है। मुंबई एयरपोर्ट से बाहर आने के बाद सिटी एसपी ने पटना से गये चारों पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग। उसके कुछ देर बाद ही मुंबई जिला प्रशासन की टीम ने कोरोना का हवाला देकर उनके हाथ पर मुहर लगा दी।

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