New Delhi : आज हम आपको ऐसे पैरा कमांडो से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसके हौसलों के आगे खुद समस्याओं ने घुटने टेक दिये। ये कहानी है हरियाणा के रहने वाले पूर्व आर्मी कैप्टन नवीन गुलिया की जिन्होंने फौज में जाकर देश की सेवा का सपना देखा था। जब उनका फौज में सिलेक्सन हुआ तो उन्हें लगा कि अब मंजिल दूर नहीं हैं लेकिन नियति को कुछ ओर ही मंजूर था। साल 1995 में 29 अप्रैल का दिन उनके लिए अच्छा नहीं था। अपनी ट्रेनिंग के दौरान वे एक बड़ी दुर्घटना का शिकार हो गये। इसमें उनकी रीढ़ की हड्डी और गर्दन की हड्डी पूरी तरह टूट गई। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें 100 प्रतिशत पैरालाइज्ड घोषित कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने बचपन से जो सपना देखा था वो भी टूट गया। लेकिन यहां उनकी जिंदगी खत्म न होकर उन्हें एक नई जिंदगी मिली।
Navin Gulia✨
The people who have more complaints from life are those who play safe”. https://t.co/WeiBJF6YuV pic.twitter.com/KCvtT2Flke— ♡ (@musicalkaur__) July 23, 2020
जिंदा रहने का जुनून – जब वे ट्रेनिंग के दौरान चोटिल हुए तो डॉक्टरों ने उनके बचने की संभवनाओं पर भी सवाल उठा दिये थे और कह दिया था कि अगर बच भी गये तो उनका पूरा शरीर पैरालाइज्ड ही रहेगा। नवीन का दो साल तक इलाज चला। वह उस धारणा को गलत साबित करना चाहते थे जिसमें कहा जाता है कि हंड्रेड पर्सेंट डिसेबल्ड होने के बाद व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। नवीन ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने व्हीलचेयर पर घूमना सीख लिया। चार महीने बाद ही वे पूरी तरह व्हीलचेयर पर आ गये। उन्होंने किताबें पढ़ना शुरू किया, तीन-तीन भाषाओं पर पकड़ बना ली, कम्प्यूटर कोर्स किया, खाली चेस बोर्ड पर शतरंज की प्रैक्टिस की।
आज वंचित बच्चों का बन रहे सहारा – इलाज के दौरान उन्हें वाकई में नई जिंदगी और नया हौसला मिला। उन्होंने अपने पास के बरहणा गांव जहां बेटियों का जन्म लेना पाप समझा जाता था इस सोच के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोल दिया। उन्होंने वहां की लड़कियों के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ जमकर आवाज उठाई। जिस पर बाद में कानूनी कार्रवाई भी हुई। आज वे अपनी दुनिया अपना आशियाना के नाम से एक संस्था चलाते हैं जिसके लिए उन्हें कई सम्मान भी मिले हैं।
जब KBC शो के जरीए पूरे देश ने जाना – कौन बनेगा करोड़पति के सीजन 11 में उन्हें बतौर गेस्ट बुलाया गया। यहां पर महानायक अमिताभ बच्चन ने उनके हौसलों को सलाम किया और पूरे देश को उनके जुनून के बारे में बताया।
नेशनल और इंटरनेशनल पुरस्कारों से सम्मानित – उनके नाम सबसे कम समय में 18632 फीट ऊंचे व सबसे खतरनाक पहाड़ी दर्रों में से एक, ‘मार्सिमिक ला’ तक गाड़ी ले जाने का रिकॉर्ड है, जो लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। उन्होंने दिल्ली से ‘मार्सिमिक ला’ तक 1110 किमी की दूरी बिना रुके सिर्फ 55 घंटे में तय की थी। नवीन ऐसा करने वाले पहले व्यक्ति है। वे वहां तक गाड़ी ले जाने का किस्सा याद करते हुए कहते है।
— Karma Yogi (navin gulia) (@navingulia) July 24, 2020
पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने किया सम्मानित- उन्हें अनेक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें राष्ट्रीय आदर्श के खिताब से नवाजा। लेकिन नवीन के अनुसार उनको सभी सम्मानों से ज्यादा खुशी इस अभियान से दिव्यांग बच्चियों के लिए जुटाई गई मदद उन तक पहुंचाकर मिली थी।