New Delhi : चीन से तनाव ने भारत को भी सुरक्षा मामलों को लेकर काफी सजग कर दिया है। अब इस तनाव से सीख लेते हुये केंद्र की मोदी सरकार ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे 14 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की तैयारी कर रही है। इस सुरंग के जरिये अरुणाचल प्रदेश की कनेक्टिविटी देश के अन्य हिस्सों से और मजबूत हो सकेगी। ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे एनएच 54 से एनएच-37 को जोड़ने वाली इस फोर लेन टनल से अरुणाचल प्रदेश की कनेक्टिविटी और मजबूत हो सकेगी।
Centre has given in-principle approval to construct a strategic tunnel under the #Brahmaputra river.
The proposed tunnel in India is going to be very important strategically as it will provide year-long connectivity between ##Assam and #ArunachalPradesh https://t.co/qlkIzj8yEv
— ManuheManuhorBabe (@manuhemanuhorb1) July 14, 2020
केंद्र सरकार ने योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। टनल का निर्माण कार्य इस साल के दिसंबर महीने में शुरू हो जायेगा। इस खास सुरंग को ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे गोहपुर से नुमालीगढ़ तक बनाया जाएगा। चार लेन की सुरंग में दो ट्यूब्स के अंदर 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन चल सकेंगे। इस सुरंग से अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली सीमा तक सैन्य वाहन, रसद और सामरिक वस्तुओं की आपूर्ति कराई जा सकेगी।
नैशनल हाइवेज ऐंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने अमेरिका की एक कंपनी के साथ इस परियोजना पर काम शुरू किया है। प्रॉजेक्ट के पूरा होने के बाद ये टनल ऐसी पहली सुरंग होगी, जिसे नदी के नीचे बनाया जाएगा।
Last year BRO floated a global tender for feasibility study and DPR for construction of 2 Lane Road and 1 line BG Rail tunnel under Brahmaputra river. If all goes well will be the longest underwater (River) tunnel in India and also one of the costliest project by BRO at 6K crores pic.twitter.com/1jwWT7v1cL
— Sagar (@sssaaagar) July 13, 2020
सुरंग में यात्रियों के लिए हवा के इंतजाम के लिए वेंटिलेशन सिस्टम, रोशनी के लिए लाइट्स, फायर फाइटर्स और ड्रेनेज सिस्टम भी लगाया जाएगा। हालांकि प्रॉजेक्ट की लागत को लेकर फिलहाल कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।