New Delhi : चीन ने सोमवार को कहा – चीन अमेरिकी सीनेटरों मार्को रुबिओ और टेड क्रूज़ के अलावा धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी राजदूत सैम ब्राउनबैक तथा क्रिस स्मिथ के प्रवेश पर प्रतिबंध लगायेगा। चीन ने यह प्रतिबंध अल्पसंख्यक समूहों और लोगों के पंथ के प्रति सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों की उनकी आलोचना को लेकर लगाया है।
The #US has already used most of the cards that are easy to use to suppress #China. The Chinese people can see clearly the US will hurt itself every time it plays one in future. Its hesitation about #HongKong reflects this clearly: Editor-in-Chief Hu Xijin #HuSays pic.twitter.com/cwkXoPGq35
— Global Times (@globaltimesnews) July 13, 2020
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा – अमेरिका द्वारा की गई कार्रवाइयों से चीन-अमेरिका संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचा है और चीन इसे अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के रूप में देखता है। उन्होंने कहा – चीन इसके खिलाफ अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता बनाए रखने के लिए दृढ़ है। हुआ ने कहा – चीन स्थिति के अनुसार आगे प्रतिक्रिया देगा। इस बीच इस बारे में कोई संकेत नहीं है कि इन चारों में से किसी की चीन यात्रा की योजना है।
“Symbolic” US sanctions against several Chinese officials over #Xinjiang-related issues maybe harmless, but China’s countermeasures directed at some of the US’ most “rancorous” China hawk senators will “rain pain” upon them: Chinese experts https://t.co/1eyX2L0aeB pic.twitter.com/1bernUdHbQ
— Global Times (@globaltimesnews) July 13, 2020
ऐसा प्रतीत होता है कि चीन का यह कदम अमेरिका की उस कार्रवाई के जवाब में है जिसके तहत शिनजियांग क्षेत्र के प्रमुख चेन क्वांगु सहित चार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाये गये हैं। शिनजियांग में मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के 10 लाख से ज्यादा सदस्यों को कैद कर रखा गया है। हालांकि चीन का कहना है कि वे शिविर लोगों को कट्टरपंथ से मुक्त कराने वाले केंद्र हैं। आलोचकों ने उन शिविरों की तुलना जेलों से की है।