New Delhi : कोरोना वायरस को मात देकर घर लौटे दिल्ली निवासी 106 साल के मुख्तार अहमद अब पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। मुख्तार ने बताया – बीमारी की वजह से मैं घुटनों पर चलने लग गया था। मुझे मेरे बचने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही थी पर अच्छा इलाज मिलने के कारण मैं बच गया।
उन्होंने कहा – मैंने अपने जीवन में कभी इस तरह की महामारी नहीं देखी। मुख्तार अहमद ने बताया कि 1918 में फैले स्पेनिश फ्लू के दौरान वह 4 साल के थे। उन्होंने उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का धन्यवाद किया है।
Delhi: Mukhtar Ahmed, a 106-year-old (as claimed by family), who was 4 years old during the Spanish flu in 1918, recovered from #COVID19. He says, "I didn't expect to survive but after getting proper treatment I recovered. I have never seen such a pandemic in my life." pic.twitter.com/6kpAGDGwhQ
— ANI (@ANI) July 8, 2020
दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी और निजी कोविड अस्पतालों को निर्देश दिया है – कोरोना वायरस से ठीक हुये लोगों से फीडबैक प्राप्त करें और अस्पतालों से छुट्टी के समय ब्लड प्लाज्मा दान करने पर उनकी राय लें। सभी सरकारी और निजी कोविड अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों को इस संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं।
फीडबैक फॉर्म में अस्पताल में स्वच्छता, भोजन, डॉक्टरों की सेवाओं, ब्लड ग्रुप और आंतरिक स्थितियों के बारे में प्रश्न होंगे। कुछ दिन पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्लाज्मा तक पहुंच को आसान बनाने के लिये दिल्ली में लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान (ILBS) में देश के पहले ‘प्लाज्मा बैंक’ का उद्घाटन किया था।
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव से शहर में पिछले दो हफ्तों में कोरोना से हुई नुकसान के लिये जिम्मेदार कारकों पर विस्तृत विश्लेषणात्मक रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली में पिछले दो हफ्तों में 736 लोगों की जान गई है। जिनमें से 397 लोगों की जुलाई के पहले हफ्ते में इस बीमारी से जान गई है। अधिकारियों ने कहा – रिपोर्ट मांगने का मकसद राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को घटाने के लिए सभी संभव कदम उठाना है। दिल्ली में अब तक कोविड-19 से कुल 3,165 लोगों की मौत हुई है।