थर्ड जेंडर भी करेंगे सीमा पर भारत मां की सेवा- अर्द्धसैनिक बल सेवा में नियुक्ति करेगी सरकार

New Delhi : सरकार ‘थर्ड जेंडर’ या ‘ट्रांस जेंडर’ को अर्द्धसैनिक बलों में ऑफिसर के पद पर तैनात करने पर विचार कर रही है। गृह मंत्रालय ने इस मामले में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) को लेटर लिखकर सुझाव मांगे हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक, सुझाव मिलने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा। सरकार सीएपीएफ (असिस्टेंट कमांडेंट) एग्जाम- 2020 के लिए थर्ड जेंडर को शामिल करने पर विचार बना रही है। इसमें पुरुष/महिला से साथ ही थर्ड जेंडर का कॉलम रखा जा सकता है।

गृह मंत्रालय ने एक जुलाई को सीएपीएफ को लिखे लेटर में खासतौर पर सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ से कहा है – जल्द से जल्द अपने सुझाव दें ताकि असिस्टेंट कमांडेंट रैंक के लिए ट्रांस जेंडर की नियुक्ति की जा सके। सबसे पहले एक्शन लेते हुए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने देश भर में मौजूद अपनी सभी फॉर्मेशन से राय मांगी है।
हाल ही में भारत सरकार ने ट्रांसजेंडरों के लिए कुछ कदम उठाए हैं। 17 मार्च को सामाजिक न्याय मंत्री रतन लाल कटारिया ने लोकसभा में कहा था कि ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के लिए ‘ट्रांसजेंडर पर्सन एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) -2019’ को 10 जनवरी 2020 से लागू किया गया है। उन्होंने कहा इस एक्ट के तहत सरकार इस समुदाय के वेलफेयर के लिए योजनाएं बनाएंगी।
आईटीबीपी, बीएसएफ, एसएसबी और सीआरपीएफ गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली फोर्स हैं। देश के अहम ठिकानों पर इनकी तैनाती होती है। इन बलों में थर्ड जेंडर के लोगों को शामिल करना उनकी मजबूती की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *