New Delhi : भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर-स्तर की तीसरे दौर की बैठक मंगलवार 30 जून को 12 घंटे तक चली और रात के 11 बजे खत्म हुई। न्यूज एजेंसी एएनआई ने भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। बैठक में भारत ने फिंगर 4 से फिंगर आठ तक के क्षेत्र से चीन को तत्काल पीछे हटने को कहा है।
भारत-चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच मंगलवार को तीसरे दौर की लंबी बातचीत हुई। सूत्रों का कहना है कि भारत की तरफ से गलवान घाटी तथा अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ पैंगोंग में फिंगर 4 से फिंगर आठ तक के इलाके से चीनी सेना को तत्काल पीछे हटने को कहा गया है। हालांकि सेना की तरफ से इस के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
Third round of Corps Commander-level meeting between #India, #China lasts for 12 hours
https://t.co/dnFAOtGYbX— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) July 1, 2020
बएलएसी के निकट चुशूल में भारतीय जमीन पर हुई बैठक में भारत की तरफ से 14वीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीन की तरफ से तिब्बत सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लिऊ लिन शामिल हुये। जून महीने में इन सैन्य अधिकारियों के बीच यह तीसरे दौर की बैठक हुई है। इस बैठक में सेनाओं के पीछे हटने के तौर तरीकों पर चर्चा हुई है।
सूत्रों ने कहा कि भारत की तरफ से इस बात को जोरदार तरीके से उठाया गया कि चीन सेना उन इलाकों से तत्काल पीछे हटे जहां हाल में उसने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है ताकि पांच मई से पहले की स्थिति बहाली की जा सके। इनमें पैंगोग लेक इलाके में फिंगर चार से आठ तक से चीनी सेना को तत्काल हटने को कहा गया है।
दोनों देशों की सेनाओं के बीच लद्दाख में एलएसी पर करीब दो महीने से टकराव के हालात बने हुये हैं। छह जून को हालांकि दोनों सेनाओं में पीछे हटने पर सहमति बन गई थी लेकिन चीन उसका क्रियान्वयन नहीं कर रहा है। इसके चलते 15 जून को दोनों सेनाओं के बीच खूनी झड़प भी हो चुकी है। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बात हुई है। 22 जून को सैन्य कमांडरों ने भी मैराथन बैठक की है। हर बार सहमति बनती है, लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं दिखाई देता है। संभावना है कि बुधवार को इस बैठक के नतीजों को लेकर सेना बयान जारी कर सकती है।