New Delhi : 96 दिनों के लंबे अंतराल के बाद विश्व प्रसिद्ध मां विन्ध्यवासिनी के कपाट 29 जून को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जायेंगे। दर्शन पूजन के लिए शारीरिक दूरी समेत कई शर्तें निर्धारित की गई हैं। मां विन्ध्यवासिनी देवी के दर्शन पूजन के साथ ही विश्व प्रसिद्ध त्रिकोण पथ पर स्थित मां काली मां सरस्वती मंदिर भी खुल जायेगा। जिला प्रशासन और बिन्ध्य पंडा समाज के पदाधिकारियों ने गुरुवार को बैठक कर यह निर्णय लिया। बिन्ध्य धाम में दर्शन पूजन की व्यवस्था काशी विश्वनाथ मंदिर के तर्ज पर ही रहेगी।
A virtual darshan of Maa Vindhyavasini. May she keep us in her grace in these very trying times….#IndiaLocksdown pic.twitter.com/cr4ohfJnCP
— Nistula Hebbar (@nistula) March 25, 2020
स्थानीय भाजपा विधायक और बिन्ध्य धाम के पुरोहित पं रत्नाकर मिश्र ने शुक्रवार को बताया – प्रदेश सरकार ने आठ जून से धार्मिक स्थलों पर से प्रतिबंध हटा लिया था। विन्ध्याचल धाम को दर्शनार्थियों के लिये खोलने के लिए जिला प्रशासन और बिन्ध्य पंडा समाज की कई दौर की बातचीत हुई मगर निर्णय नहीं लिया जा सका था।
इसका मुख्य कारण विन्ध्याचल धाम में सकरी गलियां थी। बीच में एक पुरोहित पंडा के परिवार के तीन लोगों का कोरोना होने के कारण विन्ध्याचल धाम को हाटस्पाट घोषित कर सील कर दिया गया था। अब हाटस्पाट हटा लिया गया है, लिहाजा मंदिर खोलने में आ रही अड़चनों को दूर कर दिया गया है।
शनिवार से धाम में अखण्ड कीर्तन शूरू होगा जो रविवार को दोपहर में समाप्त होगा। उसके बाद स्थानीय लोगों के लिए मंदिर में प्रवेश शुरू हो जायेगा। 29 जून से सभी भक्त प्रवेश पा सकेंगे।