New Delhi : चीन ने पूर्वी लद्दाख में ही नहीं, बल्कि उत्तरी लद्दाख में भी भारतीय दावे वाले क्षेत्र में घुसपैठ की है। सेना की तरफ से हालांकि इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन मीडिया में आई उपग्रह की तस्वीरों से साफ दिखता है कि डेप्सांग सेक्टर में चीनी सेना की उपस्थिति देखी गई है। यहां उसने कुछ स्थाई निर्माण किये हैं और टेंट भी लगाये हैं। साथ ही दो सड़कें भी बनाई हैं। एलएसी के निकट चीनी सैनिकों की उपस्थिति बढ़ी है, जिसके बाद भारत ने भी अपने सैनिक बढ़ा दिये हैं।
Large Chinese camp in Galwan Valley, 1.5 km into Indian side of the Line of Actual Control (LAC), shown as the red line.
There is no Indian camp in the Galwan Valley, after India agreed on June 6 to de-militarise the valley to where the Galwan joins the Shyok#CryBelovedCountry pic.twitter.com/s4uvus2jlP
— Ajai Shukla (@ajaishukla) June 24, 2020
गलवान घाटी में हुये एक तरफ चीन से तनाव कम करने को लेकर सैन्य एवं कूटनीतिक स्तर पर वार्ताएं चल रही हैं, वहीं यह नया खुलासा चिंता पैदा करता है। सूत्रों का कहना है कि ये तस्वीरें जून महीने की हैं तथा इसके बाद भारतीय सेना ने भी अपनी उपस्थिति उस इलाके में बढ़ा दी है। बड़े पैमाने पर भारतीय सुरक्षा बलों की वहां मौजूदगी है। सूत्रों के अनुसार डेप्सांग सेक्टर दौलतबेग ओल्डी से पूर्व की दिशा में है तथा लद्दाख का यह उत्तरी इलाका है।
रणनीतिक रूप से यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है। डेप्सांग में भी एलएसी स्पष्ट नहीं है तथा इस जगह को लेकर भारत और चीन के अपने-अपने दावे हैं। यह करीब 20 किलोमीटर का क्षेत्र है। इस इलाके में दोनों देशों की सेनाएं पेट्रोलिंग करती हैं लेकिन पूर्व के समझौतों के तहत किसी को भी स्थाई निर्माण बनाने की अनुमति नहीं है लेकिन चीन ने निर्माण कर समझौते का उल्लंघन किया है। गश्ती दल की राह में भी बाधा पहुंचाई। सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में चीन की तरफ से इस क्षेत्र में भारतीय गश्ती दल की राह में भी बाधा पहुंचाई गई।
ये घटनाएं 22 जून से पहले की हैं। बता दें कि 22 जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता में पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले स्थानों से तनाव कम करने पर सहमति हुई है, लेकिन यह टकराव का नया मोर्चा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि एलएसी के निकट चीनी सेना की उपस्थिति लगातार बढ़ रही है।
Amid tension at the LAC in eastern #Ladakh with #China, the #Congress (@INCIndia) has raised the issue of #Chinese incursions in #ArunachalPradesh, taking a cue from BJP MP in the state Tapir Gao. pic.twitter.com/XJ6kbypZ2H
— IANS Tweets (@ians_india) June 24, 2020
हालांकि, वे चीनी क्षेत्र में ही मौजूद हैं। रक्षा विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है जब एक तरफ चीन शांति की बात कर रहा है तो दूसरी तरफ सेना की उपस्थित क्यों बढ़ा रहा है। रक्षा विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने ट्वीट कर दावा किया है कि गलवान घाटी संघर्ष के बाद चीनी सेना की संख्या में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है।