New Delhi : जमीनी हालात और चीनी सेना के साथ बातचीत में प्रगति की समीक्षा के लिये लद्दाख की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन, बुधवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाना पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में आगे के स्थानों की यात्रा पर गये। सेना प्रमुख ने जमीन पर सैनिकों के साथ बातचीत की। सैनिकों का उन्होंने हौसला बढ़ाया तो सैनिकों ने भी कहा- सर्वस्व न्यौछावर के लिये तैयार बैठे हैं। दूसरी तरफ गलवान घाटी के जो घायल जवान हैं उन्होंने सेना प्रमुख से कहा- बहुत इलाज करा लिया सर, अब ड्यूटी पर भेजो, हौसला और दिखाना बाकी है।
General MM Naravane #COAS visited forward areas in Eastern #Ladakh and reviewed operational situation on the ground. #COAS commended the troops for their high morale and exhorted them to continue working with zeal and enthusiasm.#NationFirst pic.twitter.com/gc0rmw69Fs
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) June 24, 2020
सेना प्रमुख मंगलवार को जमीन की स्थिति और चीनी सेना के साथ बातचीत में प्रगति की समीक्षा करने के लिए लेह के लिये निकले थे। उन्होंने अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान लद्दाख के सांसद जम्यांग त्सेरिंग नामग्याल के साथ पूर्वी लद्दाख की बातचीत की। बातचीत के दौरान उत्तरी सेना के कमांडर और लेह वाहिनी के कमांडर भी मौजूद थे। जनरल नरवाणे ने सेना के एक अस्पताल का दौरा किया। भारतीय सेना के सैनिकों के साथ बातचीत की। 15 जून को सैनिकों को गालवान घाटी घटना में चोट लगी थी और उनका इलाज चल रहा है।
जनरल नरवणे ने चीन के जवानों के साथ बहादुरी से लड़ने वाले जवानों को आज कमेंडेशन कार्ड (प्रशंसा पत्र) दिया और उनका हौसला बढ़ाया। आर्मी चीफ ने पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर तैनात सैनिकों से मिलकर ताजा हालात का जायजा भी लिया।
On a two-day visit to Ladakh, Army Chief General MM Naravane is on a visit to the forward locations in the Eastern Ladakh area today. The chief will also interact with troops on the ground there: Army Sources pic.twitter.com/7CL24ABIxT
— ANI (@ANI) June 24, 2020
उत्तरी कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के कमाडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भी थे। सेना प्रमुख को पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति और तैयारियों के बारे में त्रिशूल डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ने जानकारी दी।
जनरल नरवणे ने मंगलवार को लेह के आर्मी अस्पताल में भर्ती सैनिकों का हाल जाना था। यहां गंभीर रूप से घायल हुये 18 जवानों का इलाज चल रहा है। गलवान घटना के बाद सेना प्रमुख पहली बार लद्दाख पहुंचे हैं। नरवणे से पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने रविवार को लद्दाख का दौरा किया था। मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई । छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी।
General MM Naravane #COAS interacting with our gallant soldiers at Military Hospital, Leh during his two day visit to Eastern #Ladakh. pic.twitter.com/pG22J7kIs4
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) June 23, 2020
इस घटना के बाद से भारत ने 3,488 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने विशेष युद्ध बलों को तैनात किया है, जो कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पश्चिमी, मध्य या पूर्वी सेक्टरों में किसी भी प्रकार से भिड़ने को तैयार हैं। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारतीय सेना को पीएलए द्वारा सीमा पार से किसी भी हरकत का आक्रामकता से एलएसी पर जवाब देने का निर्देश दिया है।