आत्मनिर्भर भारत : स्वदेशी पर अमल न करनेवाले पैरामिलिट्री कैंटीनों के सीईओ पर गाज, पद से हटाया

New Delhi : आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी वस्तुओं की सरकारी खपत बढ़ाने का निर्णय लिया गया। लेकिन यह निर्णय एक जून से लागू नहीं हो पाया। पहले 1000 से अधिक वस्तुओं की लिस्ट का नोटिफिकेशन निकाला गया जिनको कैंटीन में नहीं बेचना था। फिर बाद में इस नोटिफिकेशन को कैंसल कर दिया गया। यानी, स्वदेशी को बढ़ावा देने की गृह मंत्री अमित शाह की योजना प्रभावी नहीं हो सकी। अब इसकी गाज केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कैंटीन के सीईओ आरएम मीणा पर गिरी है। उन्हें सीईओ पद से हटा दिया गया है।

इस निर्णय को लागू नहीं करने पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) कैंटीन के सीईओ आरएम मीणा को उनके पैरंट कैडर केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) वापस भेज दिया गया है। उन्होंने हाल ही में उत्पादों की एक सूची जारी की थी, जिसमें 1,000 से ज्यादा वस्तुओं को गैर-स्वदेशी बताते हुए उन्हें कैंटीन में बेचे जाने वाले उत्पादों की सूची से बाहर कर दिया था। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है – उप-महानिरीक्षक (डीआईजी) मीणा को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा वापस बुलाया गया है। सीआरपीएफ के एक अन्य डीआईजी राजीव रंजन कुमार तत्काल प्रभाव से बोर्ड के नये मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) होंगे। उनका कार्यकाल तीन महीने का होगा।
पैरामिलिट्री फोर्स ने 29 मई को 1026 विदेशी उत्पादों के कैंटीन में बेचे जाने पर पाबंदी लगाने का फैसला किया था। इसके बाद एक जून सोमवार को गृह मंत्रालय ने आदेश जारी पर गैर-स्वदेशी यानी विदेशी उत्पादों की लिस्ट को होल्ड करने को कहा। इससे पहले सीएपीएफ की कैंटीनों ने डाबर, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, जकुआर, एचयूएल (फूड्स), नेस्ले इंडिया जैसी कंपनियों के 1026 उत्पादों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। कहा था कि संबंधित उत्पादों की 1 जून से उनके यहां बिक्री नहीं होगी क्योंकि ये ‘स्वदेशी’ नहीं हैं या फिर इन्हें पूरी तरह आयातित उत्पादों से बनाया जाता है। गृह मंत्रालय ने 13 मई को घोषणा की थी कि देशभर की 1700 सेंट्रल पुलिस या सीएपीएफ कैंटीन में सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की ही बिक्री होगी।
फुटवियर, स्केचर, रेड बुल ड्रिंक, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, कपड़े, टूथ पेस्ट, हैवेल्स के प्रोडक्ट्स, हॉरलिक्स, शैंपू, बैग समेत कई विदेशी उत्पादों पर रोक लगाई थी। कहा गया था कि इनकी जगह केवल स्वदेशी चीजें इस्तेमाल में लाई जाएंगी। जवानों से भी अपील की गई थी कि वे विदेशी सामान का पूरी तरह बहिष्कार करें।

पैरामिलिट्री फोर्स में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी, असम राइफल्स के करीब दस लाख से ज्यादा जवान हैं। इनके परिवार के सदस्यों को मिला लें तो 50 लाख से ज्यादा लोग सेंट्रल पुलिस कैंटीन से खरीदारी करते हैं। इसको देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अब ये जवान स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी करेंगे। गृह मंत्रालय ने इसके लिए तीन कैटेगरी बनाई थी। सबसे ज्यादा प्राथमिकता उन प्रोडक्टस को दिया जाना था, जो पूरी तरह से भारत में तैयार हुए हैं और भारतीय कंपनी के होंगे। दूसरी कैटेगरी में उन्हें शामिल किया गया, जिनका कच्चा माल आयात होता हैं, लेकिन उत्पादन भारत में होता है। केवल इन्हीं दोनों कैटेगरी के उत्पादों की बिक्री की मंजूरी थी। तीसरी कैटैगरी में पूरी तरह से विदेशी उत्पाद को रखा गया है, जिस पर पाबंदी लगाई गई थी। जिसे अब वापस ले लिया है।

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