भारत के बयान ने निकाली चीन की गर्मी, बोला – कई माध्यम हैं, वार्ता-चर्चा से ही निकलेगा समाधान

New Delhi : चीन ने सोमवार 1 जून को कहा – भारत से लगती सीमा पर स्थिति कुल मिलाकर स्थिर और नियंत्रण योग्य है। वार्ता और चर्चा के जरिये मुद्दों के समाधान के लिये दोनों देशों के पास निर्बाध संपर्क माध्यम हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी गतिरोध के बीच चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान की यह टिप्पणी आई है।
झाओ ने कहा- चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सर्वसम्मति को क्रियान्वित करता रहा है। हमारे पास निर्बाध माध्यम हैं और उम्मीद करते हैं कि हम वार्ता और चर्चा के जरिये संबंधित मुद्दे का समाधान कर सकते हैं। उन्होंने यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणी से संबंधित सवाल के जवाब में कही। रक्षा मंत्री सिंह ने कहा था – भारत सीमा मुद्दे पर अपनी गरिमा पर आंच नहीं आने देगा।

भारत ने बुधवार 27 मई को कहा था कि वह सीमा विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए चीन के साथ बात कर रहा है। नई दिल्ली की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश किए जाने के बाद आई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में सवालों के जवाब में कहा था- हम इसके शांतिपूर्ण समाधान के लिए चीन के साथ बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा- दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में उत्पन्न हो सकने वाली स्थितियों के, वार्ता के जरिए शांतिपूर्ण समाधान के लिए सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर तंत्र स्थापित किए हैं और इन माध्यमों से वे लगातार बात कर रहे हैं।
लद्दाख और सिक्किम क्षेत्र में भारत तथा चीन की सेनाओं के बीच कई सप्ताह से लगातार गतिरोध बना हुआ है। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में गत पांच मई को दोनों देशों के सैनिक लोहे की छड़ों और लाठी-डंडे लेकर आपस में भिड़ गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव भी हुआ था। इस घटना में दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुये थे। इसके बाद, सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास भारत और चीन के लगभग 150 सैनिक आपस में भिड़ गए जिसमें दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुये थे।
दोनों देशों के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध चला था। भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। वहीं, भारत इसे अपना अभिन्न अंग करार देता है। दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा विवाद के अंतिम समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है।

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