New Delhi : दानवीर, गरीबों का मसीहा और न जाने क्या-क्या अलंकार मिल रहे हैं बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद को। बिग बॉस फेम कमाल राशिद खान उर्फ केआरके ने तो उन्हें भगवान का दर्जा दे दिया। कोच्चि में फंसीं ओडिसा के प्रवासियों को ओडिसा प्लेन से पहुंचाने की खबर मिलने के बाद उन्होंने कहा – अब सलाम से काम नहीं चलेगा। आप प्रवासी मजदूरों के भगवान हैं। आप निश्चत तौर पर भगवान ही हैं। दूसरी तरफ डायरेक्टर प्रोड्यूसर संजय गुप्ता ने ट्वीट किया- मुझे गर्व महसूस होता है यह कहते हुये कि ये मेरा यार है। ट्वीट के साथ उन्होंने एक खबर की कटिंग पोस्ट की है, जिसमें कोच्चि से प्लेन के जरिये ओडिशा के प्रवासी महिला मजदूरों को ओडिशा भेजा गया।
Bhai..🙏🙏🙏🙏🙏 बस दुआएँ साथ रखना। ❣️ https://t.co/kos2SBcxjv
— sonu sood (@SonuSood) May 29, 2020
लेकिन इस नाम और इस शोहरत के लिये जो सोनू को मिल रही है, उसमें इच्छाशक्ति के साथ जो सबसे जरूरी चीज है वो है मेहनत और हिम्मत। ऐसे में जब लोग डर से घर से नहीं निकल रहे हैं आपको हिम्मत करनी पड़़ती है घर से निकल कर लोगों के बीच जाने और उनकी सहायता करने के लिये। फिर आपको जरूरत होती है मेहनत और इस पूरे काम को करनेवाले समय की। बहरहाल सोनू सूद ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वे रोज 18 घंटे काम करते हैं इस काम को पूरा करने के लिये। अब दैनिक भास्कर की सोनू सूद की पत्नी सोनाली के हवाले से एक रिपोर्ट के मुताबिक सोनू सूद ने जिंदगी में पहली बार कसरत भी छोड़ दिया है और 100 फीसदी फोकस उनका इसी काम पर है।
Love you mere bhai. .. L O A D S❣️ https://t.co/k6b2u0kadA
— sonu sood (@SonuSood) May 30, 2020
सोनाली कहती हैं – इन दिनों जाहिर तौर पर सोनू बहुत बिजी हैं। आम दिनों में भी शूट के चलते बिजी रहते हैं, मगर इस टाइम पर उन्होंने जिस काम का बीड़ा उठाया है, वह बहुत बड़ा है। मैं उन पर बहुत गर्व महसूस करती हूं कि वह यह काम कर पा रहे हैं। मैं लकी समझती हूं कि हमें मौका मिला। उनका रूटीन बहुत अनुशासित रहा है। सोनू इतना बिजी रहने के बावजूद भी अपने रूटीन को बरकरार रख रहे हैं। वह सुबह जल्दी उठ जाते हैं। मुश्किल से 4 से 5 घंटे ही उनकी नींद होती है। दिन के 18 घंटे काम करते हैं वह। शुरू में जब उन्होंने यह काम शुरू किया था तो सबसे पहले 350 प्रवासी मजदूरों को भेजा था तब तो वह अकेले ही सब कुछ संभाल रहे थे। मगर अब दो-तीन लोगों की टीम है।
Dups.. you are the BEST ❤️ big big hug 🤗 https://t.co/iOl2heFZrO
— sonu sood (@SonuSood) May 30, 2020
सोनाली बताती हैं – सारा दिन फोन पर बिजी रहते हैं। कॉर्डिनेट कर रहे होते हैं। परमिशन ले रहे होते हैं। बहुत लोगों को फोन करते हैं। ऐसे माहौल में परमिशन लेना मुश्किल होता है, लेकिन सोनू ने ठान ली थी। वह बहुत ज्यादा बिजी रहते हैं। हमने लॉकडाउन की शुरुआत में कई जगहों पर राशन और फूड के स्टॉल लगाये थे। ठाणे इलाके की बस्तियों में भी हम लोग जाते थे। वहां एक दिन राशन बांटते वक्त उन्होंने देखा कि कुछ मजदूर तेज धूप में कहीं जा रहे हैं। तब उन्होंने रोककर पूछा तो पता चला कि वह लोग गांव जा रहे हैं। सोनू ने उन्हें रोकना चाहा, पर प्रवासियों ने कहा कि यहां रुके तो भूखे मर जाएंगे। सोशल मीडिया पर कुछ विजुअल्स हमने देखे। कुछ लोग अपने बूढ़े मां-बाप को गोद में लेकर जा रहे हैं। कईयों के छोटे-छोटे बच्चे हैं।
सोनाली ने बताया – उस मंजर को देखने के बाद सोनू कई रातें सो नहीं पाये। उसके बाद से उन्होंने पैदल के बजाय बसों से प्रवासियों को भेजना शुरू किया।
Extremely proud of you, @SonuSood 🙏🏻🤗#leadbyexample #gratitude #hero #help pic.twitter.com/jZZ5MLOk4z
— SHILPA SHETTY KUNDRA (@TheShilpaShetty) May 30, 2020
उन्होंने कहा – घर से सोनू निकलते हैं तो टेंशन होती है। उन्हें लगातार हिदायत देती रहती हूं कि अपना फेस टच मत करो, किसी के नजदीक हो तो ध्यान से बातें करो, अपने हाथों को सैनिटाइज करते रहो। वह भी मुझे अश्योर करते रहते हैं कि मैं ध्यान रखूंगा। फिर भी वह बाहर जाते हैं तो मैं चिंतित रहती हूं। शाम को जब वह लौटते हैं तो घर के एंट्रेंस पर ही सैनिटाइजर वगैरह होते हैं। मैं उन्हें सीधा वॉशरूम में भेजती हूं। नहाने के बाद ही अंदर आते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि वह कुछ भी टच ना कर रहें हों। यह सुनने में अजीब लग रहा हो, लेकिन इस माहौल में डरे रहना भी जरूरी है।
So much love for the new age non mythical real flesh and blood super hero of our times. Through the adversities and lows there is @SonuSood who just makes you nod your head and smile.
Ah! Bless you saab. It’s my honour to even say, “I know you.”— Kubbra Sait (@KubbraSait) May 30, 2020
उनका रेगुलर रूटीन तो खैर फोन पर रहने, कॉर्डिनेट करने तक सीमित रह गया है। हर लौट के प्रवासियों को भेजने के बाद वह यह सोचते रहते हैं कि और प्रवासियों को कैसे भेजा जाए। मैं उन्हें जब से जानती हूं तब से लेकर अब तक में पहली बार उनका एक्सरसाइज करना बंद हुआ है। पिछले 15-20 दिनों से उन्होंने एक्सरसाइज का भी मुंह नहीं देखा है। वह सोच रहे हैं कि डेढ़ दो घंटा जो उनका एक्सरसाइज में जायेगा, उससे अधिक जरूरी मजदूरों की मदद करना है।
Film star @SonuSood called on at Raj Bhavan, Mumbai today. Shri Sood briefed about his ongoing work to help the migrant people to reach their home states and to provide them food. Applauded his great work and assured him of his fullest support in these endeavours. pic.twitter.com/oUMfIQGTeX
— Bhagat Singh Koshyari (@BSKoshyari) May 30, 2020
इस मुहीम में मैं भी उनकी मदद कर रही हूं। मुझे भी काफी जगहों से कॉल आती रहती हैं। तो मैं भी लिस्ट बनाती रहती हूं। जितने भी मुझे कॉन्टैक्ट्स मिलते हैं या इंफॉर्मेशन मिलती है तो मैं उसकी अलग से लिस्ट बनाकर अपनी टीम को इनफॉर्म करती रहती हूं। हम लोग साथ-साथ लिस्ट बना रहे होते हैं। जितना बड़ा काम है यह कि इसमें जितने भी लोग जुड़ते रहें, उतना कम है।