New Delhi : माता वैष्णो देवी मंदिर रमजान के दौरान जम्मू के कटरा में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे मुस्लिमों को सहरी और इफ्तारी दे रहा है। कोरोना आपदा के दौरान करीब 500 मुस्लिम कटरा में क्वारैंटाइन हैं। मुस्लिमों के लिए पवित्र माना जाने वाला रमजान का महीना बस खत्म होने वाला है। हिंदुस्तान टाइम्स की ओर से शेयर किये गये एक वीडियो में रसोइये बड़े-बड़े बर्तनों में क्वारैंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के लिये खाना बनाते हुये दिख रहे हैं। रिपोर्टस के मुताबिक मंदिर कोरोना संकट के दौरान मुसलमानों की मदद के लिए दो समय का भोजन परोस रहा है।
Jammu and Kashmir: Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board provides sehri and iftari to Muslims quarantined at Aashirwad Bhawan in Katra, during #Ramzan. pic.twitter.com/cluIYAiJUU
— ANI (@ANI) May 23, 2020
कोरोना आपदा में मंदिर के बोर्ड ने आशीर्वाद भवन को क्वारैंटाइन सेंटर में तब्दील कर दिया था। श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार का कहना है – मंदिर रमजान के पवित्र महीने में लोगों को पारंपरिक सहरी और इफ्तारी दे रहा है। अब जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को वापस लाने का फैसला किया है। रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग आशीर्वाद भवन के क्वारैंटाइन सेंटर में रह रहे हैं वह प्रवासी कामगार ही हैं। जहां एक ओर भारत के मुसलमान भी लॉकडाउन के बीच रमज़ान की समाप्ति का इंतजार कर रहे हैं, तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो क्वारंटाइन सेंटर्स में फंसे हुए हैं। कई लोगों के लिए रमजान, ईश्वर, परिवार और समुदाय के करीब जाने का समय है, लेकिन महामारी ने उन परंपराओं को फिलहाल रोक रखा है। लोगों को ये कदम बहुत पसंद आ रहा है और वह इसे असली भारत करार दे रहे हैं।
#Watch | Vaishno Devi Shrine prepares sehri, iftari for 500 Muslims amid Ramzan. pic.twitter.com/jPSFWulQzx
— Hindustan Times (@htTweets) May 22, 2020
इधर कोरोना आपदा में बंद श्रीमाता वैष्णोदेवी की यात्रा प्रशासन फिर से आरंभ करने की तैयारी कर रहा है। यात्रा शुरुआती चरणों में सीमित स्तर पर ही चलाये जाने की तैयारी है। फिलहाल यात्रा के स्वरूप पर मंथन चल रहा है। प्रतिदिन पांच हजार लोगों को ही यात्रा की अनुमति दी जा सकती है। इस पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार ही करेगी। श्रीमाता श्राइन बोर्ड ने लॉकडाउन से पूर्व ही 18 मार्च को श्रीमाता वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी थी।
कटरा में पंजीकरण ऑनलाइन करने की तैयारी है। एक विशेष एप बनाया जायेगा। इसमें श्रद्धालु की ट्रैवल हिस्ट्री के साथ ही उसकी पूरी जानकारी होगी और श्रद्धालु का मोबाइल जीपीएस के साथ कनेक्ट कर भवन मार्ग पर जीपीएस सिस्टम लगाया जायेगा ताकि श्रद्धालु की हर मूवमेंट के बारे में श्राइन बोर्ड को पता चल सके।
फिलहाल यात्रा केवल पैदल मार्ग से ही आरंभ की जायेगी। यात्रा के लिए पूर्व पंजीकरण अनिवार्य होगा। श्राइन बोर्ड के अधिकारी ने कहा – हम यात्रा के लिए तैयार हैं लेकिन फैसला उच्च स्तर पर ही होगा। इस पर कई दौर का मंथन भी हो चुका है। इस सुझाव पर भी मंथन किया जा रहा है कि यात्रा में पांच से छह हजार ही लोग रहें ताकि मार्ग पर उचित शारीरिक दूरी का पालन हो। श्रद्धालु ताराकोट मार्ग से जायेंगे और दूसरे मार्ग से वापस लौटेंगे।
We were informed that Muslims at the quarantine centre are observing fast & need food early in the morning & in the evening. So we changed our schedule accordingly. We will try to provide special recipes to them on Eid: Ramesh Kumar, CEO of Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board https://t.co/GU90ylfzOd pic.twitter.com/DRoBokKa3o
— ANI (@ANI) May 23, 2020
श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार ने बताया – श्रीमाता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर रहा है और सभी एक्सपर्ट के सुझावों को भी इसमें शामिल किया जायेगा। श्रीमाता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड श्रद्धालु की संख्या प्रतिदिन 5000 से 6000 सीमित करने के बारे में विचार कर रहा है।