New Delhi : रेलवे ने श्रमिक ट्रेनों के अलावे 1 जून से 200 ट्रेनों को चलाने का फैसला किया है। इन ट्रेनों की बुकिंग आज से ऑनलाइन शुरू हो रही है। श्रमिक स्पेशल और वातानुकूलित राजधानी स्पेशल ट्रेनें चलाने के बाद एक जून से नॉन एसी ट्रेनें भी दौड़ने जा रही हैं। इन ट्रेनों के टिकटों की बुकिंग आज 21 मई सुबह 10 बजे से शुरू होगी। पहले रेलवे ने सिर्फ नॉन एसी ट्रेनें चलाने की बात की थी, मगर अब इन ट्रेनों में एसी और जनरल डिब्बे भी होंगे।
रेलवे ने कहा है कि ये ट्रेनें पूरी तरह आरक्षित होंगी, जिनमें एसी और नॉन एसी श्रेणियां होंगी। सामान्य डिब्बों में भी बैठने के लिए आरक्षित सीटों की सुविधा होगी। रेलवे ने एक जून से चलने वाली 200 ट्रेनों की सूची जारी की। बता दें कि मंगलवार 19 मई को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया – भारतीय रेल 1 जून से टाइम टेबल के अनुसार प्रतिदिन 200 नॉन एसी ट्रेन चलायेगा जिसकी ऑनलाइन बुकिंग शीघ्र ही शुरु होगी।
Indian Railways will start operations of 200 passenger train services. These trains shall run from 1st June and booking of all these trains will commence from 10 am on 21st May: Government of India
— ANI (@ANI) May 20, 2020
रेल मंत्री ने कहा – राज्य सरकारों से आग्रह है कि श्रमिकों की सहायता करें तथा उन्हें नजदीकी मेनलाइन स्टेशन के पास रजिस्टर कर, लिस्ट रेलवे को दे, जिससे रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाये। श्रमिकों से आग्रह है कि वो अपने स्थान पर रहें, बहुत जल्द भारतीय रेल उन्हें गंतव्य तक पहुंचा देगा। श्रमिकों के लिये बड़ी राहत, आज के दिन लगभग 200 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल सकेंगी, और आगे चलकर ये संख्या बड़े पैमाने पर बढ़ पायेगी।
केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए इन ट्रेनों को चलाने के लिये रेलवे के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जिसमें कहा गया कि गृह मंत्रालय से चर्चा के बाद रेल मंत्रालय श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए मंजूरी देगा।
Indian Railways has released the list of the 200 trains which will be operated from 1st June: Government of India pic.twitter.com/U1SmC4Bn8C
— ANI (@ANI) May 20, 2020
एसओपी जारी होने के बाद रेलवे के प्रवक्ता राजेश दत्त बाजपेई ने कहा- श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए उन राज्यों की सहमति की आवश्यकता नहीं है जहां यात्रा समाप्त होनी है। रेल मंत्रालय ने दो मई को जारी दिशा-निर्देशों में कहा था कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए रवानगी स्थल वाले राज्य को गंतव्य राज्य से अनुमति लेनी होगी और इसकी एक प्रति ट्रेन के प्रस्थान करने से पहले रेलवे को भेजनी होगी।
राज्य सरकारों से आग्रह है कि श्रमिकों की सहायता करे तथा उन्हें नजदीकी मेनलाइन स्टेशन के पास रजिस्टर कर, लिस्ट रेलवे को दे, जिससे रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाये।
Railways has decided to further restore passenger train services from 1st June for transporting people across India.
Taking strict precautionary measures, 200 more trains will commence.
E-ticket booking for these trains will begin on 21st May at 10 am.https://t.co/wBoE5hMT7C
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 20, 2020
नयी एसओपी के बाद अब गंतव्य राज्य से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। केंद्र ने कहा था कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य इन ट्रेनों के लिए मंजूरी नहीं दे रहे हैं जिससे लाखों प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पैदल जाने को मजबूर हैं। हालांकि, राज्यों ने इन आरोपों को खारिज किया है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए अब सिर्फ रवानगी स्थल वाले राज्यों से ही मंजूरी की आवश्यकता होगी जिससे प्रवासी मजदूरों को ट्रेन से यात्रा करने में आसानी होगी। अधिकारियों ने कहा कि रेलवे को अगले सप्ताह में ऐसी 300 ट्रेन रोज चलाए जाने और शेष प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाए जाने की उम्मीद है।
एक मई से रेलवे ने 1,565 प्रवासी श्रमिक ट्रेनों का परिचालन किया है और 20 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा कि उत्तर प्रदेश ने जहां 837 ट्रेनों को मंजूरी दी है, वहीं बिहार ने 428 और मध्य प्रदेश ने 100 से अधिक ट्रेनों को मंजूरी प्रदान की है।
PM @NarendraModi जी के दूरदर्शी नेतृत्व में रेलवे प्रवासी कामगारों को उनके गृहराज्य पहुंचाने के लिये श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की संख्या दोगुनी करने जा रही है।
मेरा सभी प्रवासी कामगारों से आग्रह है कि वह जिस स्थान पर है, वहीं रहें, रेलवे आपका घर पहुंचना शीघ्र ही सुनिश्चित करेगी। pic.twitter.com/fC6NAMrex6
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 20, 2020
सोमवार शाम तक छत्तीसगढ़ ने केवल 19, राजस्थान ने 33 और झारखंड ने केवल 72 ट्रेन चलाने की अनुमति दी थी। अधिकारियों के अनुसार, रेलवे के पास लगभग 300 ट्रेन रोजाना चलाने की क्षमता है, लेकिन वह इसकी आधी संख्या में ही ट्रेनों का परिचालन कर पा रहा है क्योंकि गंतव्य राज्य पर्याप्त संख्या में अनुमति नहीं भेज रहे। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्य प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने को तैयार हैं, लेकिन कई गंतव्य राज्य मंजूरी नहीं दे रहे। अब यह समस्या समाप्त होगी।