New Delhi : सहारनपुर में प्रवासी मजदूर रविवार सुबह बड़ी तादाद में सड़क पर उतर आये। सड़क जाम कर दी और हंगामा शुरू कर दिया। स्थानीय पुलिस पर सैकड़ों मजदूर भारी पड़े तो आरएएफ को मौके पर बुलाया गया। कामगारों को समझाने की कोशिश की जा रही हैं।
रविवार सुबह मजदूरों का सब्र टूट गया और सभी मजदूर शेल्टर होम से निकलकर अंबाला हाईवे पर आ गये। मजदूरों ने यहां जाम लगा दिया। यहां से बड़ी तादाद में श्रमिक शहर की और पहुंच गये हैं और अंबाला हाईवे को जाम कर दिया है। मजदूर बेहद गुस्से में हैं और इन्होंने हाईवे पर कब्जा कर लिया है।
Saharanpur: Migrant workers in large numbers gather at Sahranpur-Ambala highway, demanding a special train to return to Bihar; police deployed at the site pic.twitter.com/HGsO24a5p6
— ANI UP (@ANINewsUP) May 17, 2020
इधर दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों की भीड़ इकट्ठा हो गई है। गाजीपुर में बड़ी संख्या में मजदूर जुट गये हैं। औरैया सड़क हादसे के बाद यूपी सरकार के उस आदेश के बाद यह भीड़ जुटी है जिसमें कहा गया है कि जो मजदूर पैदल जा रहे हैं उन्हें प्रशासन बस उपलब्ध करायेगी। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक बॉर्डर पर मजदूर लाइन लगाकर बस का इंतजार कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि वह घर जाने चाहते हैं।
गाजीपुर में जुटी भीड़ को देखकर ऐसा लग रहा है कि किसी को कोरोना संक्रमण का कोई डर नहीं हैं। लॉकडाउन के नियमों की लोग खुले तौर पर धज्जियां उड़ा रहे हैं। कोई शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। कल 15 मई को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि लॉकडाउन में पैदल प्रवेश नहीं दिया जायेगा। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने पैदल, दो पहिया वाहन, ट्रक आदि से राज्य की सीमा में आने वाले किसी भी व्यक्ति को दाखिल नहीं होने देने के निर्देश दिये हैं। यदि कोई व्यक्ति सीमा पार कर आ जाता है तो उसे रोकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों के मुताबिक कार्यवाही की जाए। किसी भी प्रवासी व्यक्ति को रेल लाइन अथवा सड़क मार्ग पर चलने नहीं दिया जाए।
उधर, प्रवासी कामगारों को लेकर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार शनिवार को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (डीडीएमए) ने दिल्ली के स्टेट नोडल अधिकारी और सभी जिला अधिकारी एवं समकक्ष पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किये। इसमें प्रवासी कामगारों को सड़क या रेल पटरी पर पैदल न चलने देने को कहा गया है। आदेश के अनुसार सड़क या पटरी पर चलते मिलने पर प्रवासी कामगारों को समझा कर पास के शेल्टर होम में ठहराने और उनके खाने पीने का इंतजाम करना है। जब तक कि उनको घर जाने के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेन में नहीं बैठा दिया जाता।
Delhi: Migrant labourers in large numbers gather in Gazipur at Delhi-Uttar Pradesh border. After the #Auraiya accident, UP Government has ordered its district magistrates to arrange buses for migrant workers who are found walking on foot. pic.twitter.com/UAzqEgSiVn
— ANI (@ANI) May 17, 2020
उधर, रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि रेलवे किसी भी जिले से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने को तैयार है। इसके लिए जिलाधिकारियों को जिले में फंसे प्रवासी मजदूरों की सूची के साथ प्रदेश के नोडल अधिकारी के माध्यम से आवेदन करना होगा। रेलमंत्री पिछले कुछ दिनों से राज्य सरकारों से अन्य ट्रेनों को स्वीकृति देने की अपील कर हैं ताकि फंसे हुए श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने राजस्थान, झारखंड और बंगाल से खासतौर से अपील की है।