New Delhi : Corona Virus से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या से दुनिया में चिंता का माहौल है। लोगों में वायरस के फैलने का डर बढ़ता जा रहा है। इसी बीच एक British Research ने चौकाने वाला खुलासा किया है। इसके मुताबिक Corona Virus की वजह से अमेरिका में 22 लाख और ब्रिटेन में 5 लाख से ज्यादा लोगों पर आफ़त आने का पूर्वानुमान है।
आंकड़ा इतना ज्यादा कि ब्रिटेन सरकार को स्टडी के आधार से सख्त से सख्त कदम उठाने में मदद मिल सकती है। कोरोना के कहर के मद्दनेजर दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सामाजिक जीवन पर फिलहाल रोक लगा दी है।
लंदन के इंपीरियल कॉलेज के प्रोफेसर नील फरगूसन की अध्यक्षता में ये स्टडी तैयार की गई है। रिपोर्ट को तैयार करने के लिए प्रोफेसर नील ने इटली और हाल ही में बढ़े कोरोना के मामलों का डाटा इस्तेमाल किया है।
नील फरगूसन ने अपनी स्टडी में कोरोना के असर और 1918 में फैले फ्लू के असर की तुलना की है। नील की टीम का कहना है कि फिलहाल कोरोना गंभीर समस्या बना हुआ है जिससे अमेरिका में 22 लाख और ब्रिटेन में 5 लाख से ज्यादा मौतें होने की आशंका है।
स्टडी के मुताबिक ब्रिटेन सरकार ने कोरोना के असर से लड़ने के लिए जो कदम उठाए वो काफी नहीं थे। सरकार ने होम आइसोलेशन तो शामिल किया लेकिन ज्यादा से ज्यादा प्रतिबंध नहीं लगाए। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि क्लब, पब्स और थिएटर से दूरी बनाने पर खतरे का थोड़ा टाला जा सकता है।
ये स्टडी ब्रिटेन सरकार के लिए मददगार साबित हुई। स्टडी के आधार पर सरकार का कहना है कि हर स्थिति से निपटने के लिए एक्सपर्ट की सलाह ली जाएगी। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के ग्लोबल हेल्थ एपिडेमियोलॉजी के एक्सपर्ट टिम कोलबॉर्न का मानना है कि ये स्टडी दर्शाता है कि आगे का समय काफी मुश्किल होने वाला है।