New Delhi : बेगूसराय जिले के बलिया अनुमंडल क्षेत्र में संपन्न हुई एक अनोखी शादी आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।इस शादी में ना ही स्टेज–मंडप था ना ही शादी की कोई पार्टी या किसी तरह के भोज का आयोजन था। ना ही शादी में किसी तरह काखर्च किया गया था।
पार्क में शादी के लिए तैयार एक जोड़े ने पारंपरिक रीति–रिवाजों के जरिये शादी रचाने के बजाय बाबा साहब भीमराव अंबेडकर कीप्रतिमा को साक्षी मानकर प्रतिमा के समक्ष एक दूसरे को माला पहनाकर जीने–मरने की कसमें खाईं और फिर माला पहनाने के बाद एक–दूसरे का मुंह मीठा किया। यह शादी गुरुवार की रात्रि संपन्न हुई।
इस वैवाहिक कार्यक्रम में खगडिय़ा जिला के मछरहा निवासी ललन दास के पुत्र अमित दास की शादी बलिया प्रखंड क्षेत्र के भगतपुरनिवासी प्रकाश दास की पुत्री कल्याणी कुमारी के साथ तय हुई थी। निर्धारित तिथि पर जब बारात बलिया आई तब रविदास संघ से जुड़ेकार्यकर्ताओं की टोली भी वहां पहुंची और दोनों पक्षों को इस बात के लिए राजी किया कि वे धार्मिक परंपरा से अलग हटकर शादीकरेंगे।
जिसके बाद वर–वधू और दोनों तरफ के बाराती–सराती बलिया के अंबेडकर पार्क स्थित आम्बेडकर की प्रतिमा के पास पहुंचे और उनकीप्रतिमा को ही साक्षी मानकर उसके सात फेरे लिए। ऐसा पहली बार देखने को मिला जहां महापुरुषों की प्रतिमा को ही साक्षी मानकरवर–वधू ने शादी रचा ली और सात जन्मों तक एक दूसरे का साथ ना छोडऩे की कसम खाई। उपस्थित लोगों ने वर–वधू को शुभ आशीषदेते हुए उनके मंगल दांपत्य जीवन की कामना की।