New Delhi : Jyotiraditya Scindia कांग्रेस छोड़कर यूँ ही नहीं गये. चारों तरफ़ से उन्हें निराशा ही हाथ लगी. Rahul Gandhi के बेहदकरीबी सिंधिया की स्थिति पार्टी में ऐसी हो गई थी कि महीनों से वे Rahul Gandhi से मिलने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हेंअप्वाइंटमेंट नहीं मिला. सिंधिया तमाम प्रयास करने के बाद भी राहुल गांधी से मिल नहीं पा रहे थे.
त्रिपुरा कांग्रेस प्रमुख रहे प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने फ़ेसबुक पोस्ट कर इसका खुलासा किया है. देबबर्मा का सिंधिया परिवार के साथपारिवारिक रिश्ता भी है. इन्होंने भी कुछ ही महीने पहले कांग्रेस पार्टी से दूरी बना ली है. देबबर्मा लिखते हैं – मुझे पता है कि ज्योतिरादित्यसिंधिया महीनों से राहुल गांधी से मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हे कोई अप्वाइंटमेंट नहीं मिला. अगर राहुल गांधी हमें नहींसुनना चाहते थे, तो उन्होंने हमें पार्टी में क्यों लाया?
सिंधिया के करीबी माने जाने वाले देबबर्मा ने फेसबुक पोस्ट में मंगलवार को लिखा – मैंने देर रात ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की औरउन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने इंतजार किया और इंतजार करते रहे, लेकिन अप्वाइंटमेंट नहीं मिली.
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा – जब मैंने त्रिपुरा में कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में इस्तीफा दे दिया था, तो मैंने कहा था कि युवा नेता‘अनाथ‘ महसूस कर रहे हैं. राहुल गांधी द्वारा पार्टी अध्यक्ष का पद अचानक छोड़ने के बाद युवा नेताओं को बीच मझधार में छोड़ दियागया. अचानक हमारे विचारों को दरकिनार कर दिया गया. ‘स्टालवार्ट्स‘ ने प्रमुख मुद्दों पर हमारी नीतियों की अवहेलना शुरू कर दी.
लोकसभा में कांग्रेस की बुरी तरह हार के बाद राहुल गांधी ने पिछले साल पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था. वर्तमान स्थिति के बारे मेंबात करते हुए प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने कहा –यह अजीबोग़रीब स्थिति है. हमारे नेता हमें नहीं सुन रहे हैं और जो पुराने लोग हैं वेलगातार हमें दरकिनार कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में फँसे रहने से बेहतर है कि आगे बढ़ जाएँ.
It is sad to see the party that we all thought will take india into the next decade is loosing all their young leaders ….
Posted by Pradyot Bikram Manikya DebBarma on Tuesday, March 10, 2020
बहरहाल आज ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं और उनके साथ 22 विधायक ने भी इस्तीफ़ा दे दिया है. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है और उम्मीद है कि शिवराज सिंह चौहान अगली सरकार बना लेंगे.