पापा की थी शर्त- अगर फेल हुई तो शादी करनी ही होगी और बेटी की दिखी लगन, IAS में टॉप किया

New Delhi : भारतीय समाज में आज भी लड़कियों के लिए सपने देेखना और उन्हें पूरा करना आसान नहीं माना जाता। 20 की उम्र के बाद अपने सपनों के पीछे भागते हुए उनके दिमाग में एक घड़ी फिट कर दी जाती है जो हर पल टिक टिक करते हुए हर लड़की को उसकी टाइम लिमिट याद दिलाती रहती है। ये घड़ी होती है शादी की। कह दिया जाता है कि बहुत हो गई पढ़ाई लिखाई अब जल्दी से शादी करो और अपना घर बसाओ। लड़की की शादी को कर्ज की तरह देखा जाता है जिसे परिवार जल्दी से जल्दी इस कर्ज को उतारने की जुगत लगाते रहते हैं। आज हम आपको ऐसी ही लड़की के बारे में बताएंगे जिसने इस तरह की पारिवारिक समस्याओं का सामना करते हुए देश की सबसे कठिन समझी जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा अच्छी रैंक के साथ पास की और आज एक IAS ऑफिसर हैं। उनकी मेहनत और कामयाबी पर आज उनके परिवार को भी गर्व है।

ये कहानी है निधि सिवाच की जिन्होंने 2018 की यूपीएससी परीक्षा में ऑलओवर 83वीं रेंक पाई। आज उनके पिता को उनकी इस कामयाबी पर गर्व है लेकिन कभी उन्होंने ही कह दिया था कि अगर परीक्षा के किसी भी चरण में वो फेल हुईं तो उन्हें शादी करनी पड़ेगी। निधि ने परीक्षा की तैयारी अपने पिता की इस शर्त के दबाव के साथ की। निधि ने साल 2015 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने टैक महिंद्रा में एक डिजाइन इंजीनीयर के रूप में दो साल काम किया। नौकरी करते वक्त ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करनी शुरू कर दी थी, लेकिन काम के साथ वो तैयारी बिल्कुल नहीं कर पा रही थी। बिना तैयारी के उन्होंने दो बार इस परीक्षा को दिया लेकिन वो प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाईं।
वो नौकरी तो कर रही थीं लेकिन उन्हें एक अफसर रेंक की सरकारी नौकरी चाहिए थी। जिस कारण उन्होंने यूपीएससी में किस्मत आजमाई। हालांकि, कॉलेज टाइम तक उन्होंने सोचा था कि वह डिजाइन या फिर डिफेंस के फील्ड में ही जाएंगी लेकिन सिविल सेवा के लिए जब उन्हें प्रेरणा मिली तो उन्होंने इसे ही अपना लक्ष्य बना लिया। दो बार परीक्षा देने के बाद उन्हें परीक्षा के पैटर्न और सिलेबस से जुड़ी पूरी जानकारी हो गई। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ने और सिर्फ परीक्षा की तैयारी करने के लिए पिता को मनाया। उनके पिता को लगता था कि बेटी ने पढाई करके नौकरी पा ली है अब उसकी शादी कर देनी चाहिए। लेकिन जब निधि ने अपनी नौकरी छोड़ पिता के सामने परीक्षा की तैयारी करने की बात की तो वो अपनी बेटी के भविष्य के बारे में सोचने लगे और उनके सामने शर्त रख दी कि अगर इस बार परीक्षा के किसी चरण में वो फेल होती हैं तो उन्हें शादी करनी होगी।

निधि ने पिता की इस शर्त को मानकर पूरी मेहनत के साथ तैयारी शुरू कर दी। इस बार वो बिना नौकरी के तैयारी कर रही थीं। खास बात ये भी है कि निधि ने परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग नहीं ली है। उन्होंने बिना कोचिंग के ही सारी तैयारियां की। उन्होंने 2018 में फिर से परीक्षा दी और इस बार प्री से लेकर इंटरव्यू तक हर पड़ाव को क्लियर किया। जब रिजल्ट आया तो उनका नाम लिस्ट में 83वें स्थान पर था। आज वो एक आईएएस अधिकारी हैं उनकी ये कहानी न सिर्फ लड़कियों के लिए बल्कि हर छात्र के लिए प्रेरणा है।

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