New Delhi : बिहार के Ex CM Jeetan Ram Maanjhi ने CM Nitish Kumar को खुली चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि सरकार केसभी मंत्रियों और अधिकारियों के यहां छापेमारी करें, अगर शराब नहीं मिली तो राजनीति छोड़ देंगे. मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानूनसिर्फ गरीब दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को प्रताड़ित करने के लिए बनाया गया है. मांझी ने कहा कि जिन लोगों को लगता है किसूबे में शराबबंदी कानून सफल हो गया है, उन्हें इलाज की जरूरत है क्योंकि सूबे का बच्चा–बच्चा जानता है कि हर जगह आसानी सेशराब मिल रही है.
हाल ही में जीतनराम मांझी ने शराब को दवा बताते हुए थोड़ी–थोड़ी पिया करो की सलाह दी थी. इस पर जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव नेपलटवार करते हुए कहा कि ऐसी सलाह देने वाले लोगों को पहले अपना हेल्थ चेकअप करा लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमारके शराबबंदी कानून से लोगों के घरों में लाखों की बचत हुई है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के पास शराब के अलावा कोई मुद्दा नहीं है.
इसी के जवाब में जीतनराम मांझी ने नीतीश सरकार को चुनौती दी है और पूछा कि सरकार बताए कि अभी तक कितने विधायक, मंत्री, सांसद, पार्षद, आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आईआरएस अफसरों के आवास पर छापेमारी हुई है. क्या ये तमाम लोग पहलेशराब नहीं पीते थे जो अचानक से छोड़ दी. आखिर सरकार इन लोगों के यहां क्यों छापेमारी नहीं करती है, क्यों डरती हैं. उन्होंने कहा किअभी तक इस कानून के तहत वही लोग जेल भेजे गए हैं, जो उनके तबके से आते हैं. मांझी के मुताबिक, नीतीश कुमार को थोड़ी–थोड़ीशराब गरीबों को पीने देनी चाहिए. उनके मुताबिक थोड़ी–थोड़ी शराब दवा का काम करती है. इसके पीने से नींद अच्छी आती है औरगरीब सुबह फ्रेश होकर काम करते हैं.