New Delhi : देश में कोरोना आपदा और लॉकडाउन के चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी बीमार लोगों को हो रही है। उन्हें दवाईयों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कर्नाटक में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां पर कैंसर मरीज को दवाईयों की जरूरत थी लेकिन लॉकडाउन के चलते दवा नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में कर्नाटक पुलिस का एक जवान उनके लिए मसीहा बनकर आया। पुलिस के जवान ने स्कूटर से 960 किमी का सफर तय कर पेशेंट तक कैंसर की दवा पहुंचाई।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के धारवाड़ में रहने वाले उमेश कैंसर के मरीज हैं। उन्हें दवाओं की जरूरत थी। लेकिन उन्हें वे दवाएं बेंगलुरु में ही मिल सकती थीं। इसी दौरान 10 अप्रैल को एक स्थानीय चैनल पर बेंगलुरू पुलिस में कार्यरत हेड कान्स्टेबल एस कुमारस्वामी एक स्थानीय चैनल पर न्यूज एंकर आौर धारवाड़ निवासी उमेश की बातचीत सुनी। जिसमें उन्हें पता चला कि, रविवार तक उमेश को यह दवा अवश्य लेनी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते दवा पाना मुश्किल था।
Kudos to Shri. S. Kumaraswamy, Head Constable who travelled solo on bike from Bengaluru to Dharawad traversing 430 kms to provide life saving medication for a cancer patient.@CPBlr appreciated his good deed. pic.twitter.com/BSJm6caRie
— BengaluruCityPolice (@BlrCityPolice) April 16, 2020
इसके बाद कुमारस्वामी ने अगले दिन अपनी मॉर्निंग शिफ्ट समाप्त की। उस न्यूज चैनल के ऑफिस पहुंचे। उन्होंने उमेश का नंबर लिया। इसके बाद वे दवा लेने बेंगलुरू के डीएस रिसर्च सेंटर पहुंचे। वहां से दवा लेकर उन्होंने पूरी बात अपने अधिकारी एसीपी अजय कुमार सिंह को बताई और धारवाड़ जाने की परमिशन मांगी। उन्हें धारवाड़ जाने की अनुमति मिल गई। वे शनिवार सुबह 4 बजे निकले और 2.30 बजे धारवाड़ पहुंचे। 10 घंटे के सफर में स्वामी ने केवल पानी और बिस्कुट लिया। बेंगलुरु धारवाड़ से 430 किलोमीटर दूर है।
कुमारस्वामी ने जब उमेश के दरवाजे पर दस्तक तो उमेश उन्हें देखकर दंग रह गए। कुछ देर उमेश के घर रुकने के बाद स्वामी ने शाम 4 बजे वापस बेंगलुरू का सफर शुरू किया। लगातार स्कूटर चलाकर थक चुके कुमारस्वामी 10.30 बजे चित्रदुर्ग के फायर स्टेशन पहुंचे और वहां रात को विश्राम किया। अगले दिन सुबह 5.30 बजे वे फिर बेंगलुरु के लिए निकल पड़े और सुबह 10.30 बजे बेंगलुरु पहुंच गए।
कुमार स्वामी ने बताया कि उनका धारवाड़ से कोई रिश्ता नहीं है, वे रामनगरा के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा मैंने बस आत्मा की आवाज सुनी और निकल पड़ा। अब कुमारस्वामी के इस जज्बे की हर कोई तारीफ कर रहा है। बेंगलुरू के सिटी कमिश्नर भास्कर राव ने भी कुमारस्वामी के जज्बे को सलाम करते हुए उन्हें सम्मानित किया है।