आप शायद ही जानते होंगे – रवींद्रनाथ टैगोर के सम्मान में एक डायनासोर का नाम भी है… टैगोरि

New Delhi : शायद ही आप इस फैक्ट के बारे में जानते हों। ये फैक्ट जुड़ा है रविंद्रनाथ टैगोर और एक डायनासोर के नाम को लेकर। एक डायनासोर का नाम भी रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर रखा गया था? पिछले साल इंडियन फॉरेस्ट अफसर परवीन कासवान ने तमाम जानकारियों के साथ ट्विटर पर कुछ अनोखे फैक्ट को शेयर किये थे।

हम और आप जितनी कल्पना कर सकते हैं, भारत का इतिहास उससे कहीं ज्यादा विविधता से भरा है। इंडिया में पहली बार डायनासोर जीवाश्म साल 1828 में खोजा गया था। इसे बाद में कोलकाता और लंदन के संग्रहालयों में भेजा गया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें से एक डायनासोर का नाम रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर भी रखा गया था। एक इंडियन फारेस्ट सर्विस के अफसर परवीन कासवान ने ट्विटर पर तथ्यों के साथ ये जानकारी पोस्ट की थी। अपने पोस्ट में उन्होंने पूरे विवरण का भी उल्लेख किया।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा – क्या आप जानते हैं रबींद्रनाथ टैगोर के नाम पर एक डायनासोर है? बारापासॉरस #tagorei एक 18 मीटर लंबा और 7 टन का ऑडीओनसौर था जो कभी भारत से गुजरा था। यह 1960 में आदिलाबाद जिले के आदिलाबाद में खोजा गया पहला पूर्ण डायनासोर कंकाल था।

बारापासॉरस या बिग-लेपर्ड छिपकली को बार या बड़े से लिया जाता है जबकि पा पैर को संदर्भित करता है। सुरस एक ग्रीक शब्द है जो छिपकली में तब्दील होता है। इस तरह बारापासॉरस टैगोरई में टैगोरि प्रतिष्ठित कवि-लेखक के सम्मान में है। कासवान ने डायनासोर के बारे में कुछ और तथ्य भी साझा किये।

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