New Delhi : भारत और चीन के बीच एलएसी पर विवाद के बाद उत्तर प्रदेश ऊर्जा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। बिजली महकमा ट्रांसमिशन और उत्पादन के साथ ही किसी भी काम के लिये चीन निर्मित किसी उपकरण का उपयोग नहीं करेगा। इतना ही नहीं एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए मुहैया कराये गये और इंडोनेशिया से खरीदे गये स्मार्ट मीटर को भी उपभोक्ताओं के घरों पर लगाने पर रोक लगा दिया गया है। इस मीटर की सप्लाई करने वाली इंडोनेशिया की कंपनी मूलत: चीन की बताई जा रही है।
A 2019 survey showed #Indians are uncomfortable with the rise of #China especially in economic terms. Many #Indians are still unwilling to give up their suspicion and anxiety about #China's development, said an observer. https://t.co/cXQONXOzuu
— Global Times (@globaltimesnews) June 22, 2020
उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ईईएसएल द्वारा राज्य में भेजे गये आठ हजार स्मार्ट मीटर के चीन निर्मित होने का दावा करते हुये इसे उपभोक्ताओं के घर नहीं लगाने की मांग की थी। परिषद ने ऊर्जा मंत्री को दिये गये अपने प्रत्यावेदन में बताया था कि मूलत: चीन की कंपनी हेक्सिंग इलेक्ट्रिकल कंपनी लिमिटेड ने ही इंडोनेशिया में मुखौटा कंपनी खोलकर पीटी हेक्सिंग के नाम से मीटर का ऑर्डर लिया है। परिषद की शिकायत पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इसकी जांच कराने के निर्देश दिये थे।
इस बाबत यूपीपीसीएल के निदेशक कामर्शियल एके श्रीवास्तव का कहना है – जो 8000 मीटर आये हैं अभी उसमें से एक भी कहीं लगाये नहीं गये हैं। ईईएसएल इस बात की जांच कर रहा है कि मीटर कंपनी चीन की है या नहीं। जांच को देखते हुए फिलहाल इस मीटर को लगाने पर रोक लगा दी गई है। गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व चीन में बने मीटर लखनऊ तथा अन्य शहरों में लगाये गये थे। मीटर की गुणवत्ता खराब होने की शिकायत के बाद एक साल पहले ये मीटर लखनऊ के उपभोक्ताओं के घरों से उतरवाये गये थे।