New Delhi : कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे यूपी के 8000 छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को आगरा परिवहन निगम ने 200 बसों को कोटा रवाना किया। आगरा आईएसबीटी पर सुबह सभी बसों का पहले सेनेटाइज किया गया। चालकों के स्वास्थ्य की जांच की गई। थर्मल स्क्रीनिंग की। सुबह दस बजे से बसों को भेजना शुरू कर दिया गया।
पूरे देश के हजारों छात्र कोटा में इंजीनियर और डॉक्टर बनने के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। 22 मार्च को लॉकडाउन हुआ तो इन बच्चों ने किसी तरह अपना समय गुजार लिया। बाद में लॉकडाउन के दूसरे चरण में 19 दिन बढ़ने के बाद यह छात्र परेशान हो उठे। कई छात्रों ने अभियान चलाया, तो किसी ने भाजपा के स्थानीय सांसद-विधायक से गुहार लगाई। सीएम योगी आदित्यानाथ ने गुरुवार रात प्रदेश की तीन सौ बसें कोटा भेजने का निर्णय लिया। इसमें झांसी रीजन, बनारस रीजन के साथ सबसे ज्यादा 200 बसें आगरा रीजन से भेजी गईं।
कोटा से रात में ही छात्र बसों से रवाना हो जाएंगे। हालांकि, बिहार सरकार ने कोटा प्रशासन द्वारा वहां पढ़ रहे बिहार के बच्चों को वापस भेजे जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस संबंध में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर इस फैसले का कड़ा विरोध किया है।
मुख्य सचिव ने लिखा है कि गृह मंत्रालय को राजस्थान सरकार को लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने का आदेश देना चाहिए। साथ ही, कोटा के डीएम को गैरजिम्मेदाराना हरकत के लिए फटकार लगाई जानी चाहिए। कोटा के डीएम ने बड़ी तादाद में निजी गाड़ियों के लिए पास जारी कर दिए हैं। वह भी तब, जब कोटा में 40 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि जो भी बच्चे राजस्थान से बिहार आएंगे, उन्हें उनके अभिभावकों के साथ 14 दिनों के लिए क्वॉरैंटाइन किया जाएगा।
इस बीच, कोटा में शुक्रवार को संक्रमण के छह नए मामले सामने आए। कोटा में रहकर तैयारी करने वाला एक छात्र भरतपुर में संक्रमित मिला है। यह छात्र कोटा की एक कोचिंग में मेडिकल की तैयारी करता है। 13 अप्रैल को कोटा से भरतपुर पहुंचा था। छात्र की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह कोटा में जिस हॉस्टल में रहता था, उसके सभी बच्चों को आइसोलेट कर दिया गया है। साथ ही, छात्र के कमरे को सील कर दिया गया है। कोटा के मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि छात्र की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री का पता लगाया जा रहा है। कोटा में अब तक 92 संक्रमित मिल चुके हैं।
छात्रों को लेने गईं बसें कोटा में उन 6 जगहों पर खड़ी की जाएंगी, जहां कई कोचिंग सेंटर हैं। यहां पहुंचने के लिए कोचिंग और प्रशासन छात्रों की मदद करेगा। एक बस में करीब 25 से 30 बच्चों को ले जाया जाएगा। इन्हें सबसे पहले झांसी और आगरा ले जाया जाएगा। इसके बाद सरकार इन्हें आगे ले जाने का प्रबंध करेगी।
कोटा में देशभर से छात्र आईआईटी की तैयारी करने आते हैं। यहां अभी 40 हजार छात्र हॉस्टल और पीजी अकोमोडेशन में रह रहे हैं। कोटा के अलावा यूपी सरकार मध्यप्रदेश में फंसे छात्रों को भी घर वापस लाने के लिए बातचीत कर रही है। बिहार के बच्चों के लिए भी वहां की सरकार से बात की जाएगी।
आगरा परिवहन निगम के आरएम एमके त्रिवेदी का कहना है कि मुख्यालय से निर्देश मिलते ही 200 चालक-परिचालकों को बुलाया। सभी बसों को दोबारा सुबह तक सेनेटाइज कराया गया। चालकों को मास्क देने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण, थर्मल स्क्रीनिंग की गई। अभियान की कमान रोडवेज के सेवा प्रबंधक एसपी सिंह ने संभाली। उन्होंने बताया कि एक बस में 25 से 30 बच्चे बैठेंगे। एक पुलिसकर्मी और एक होमगार्ड हर बस में रहेंगे। शनिवार रात या रविवार सुबह तक ये बसें बच्चों को घर तक छोड़कर आएंगी। लंबी दूरी पर जाने वाली बसों में दो चालक भेजे गए। पूरे अभियान में विजेंद्र सिंह, एआएम जयकरन सिंह, रोडवेज के इंप्लाइज यूनियन के मंत्री प्रमोद श्रीवास्तव, राजकुमार गौतम, प्रमोद जादौन के साथ इंप्लाइज यूनियन की टीम लगी रही।
कोटा में पढ़ रहे बच्चों ने व्हाट्सएप और फेसबुक पर अभियान चलाया था। पिछले चार दिन से यह अभियान चल रहा था। अभियान को कोटा के जिलाधिकारी ने संज्ञान में लिया। उसके बाद उन्होंने बच्चों को भेजने का महाप्लान तैयार किया। लोकसभा के सभापति ओम बिरला और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस अभियान में अहम योगदान रहा। ओम बिरला ने सीएम से गुरुवार को बात की। रातो-रात सीएम योगी ने इस प्लान को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अफसरों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यूपी का हर बच्चा अगले 72 घंटे में घरों में होना चाहिए। वह भी सुरक्षा के साथ।