इस गर्मी में भी जब मजदूर बिना थके पैदल लौट रहे हैं तो सीएम योगी का दिल पसीजा। योगी सरकार ने बसें मुहैया कराईं।

योगी ने पैदल चलते मजदूरों को बस दी, नीतीश ने कहा – मौत बांटना बंद करें

New Delhi : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दिल्ली-एनसीआर से पैदल आ रहे लोगों के लिए 1000 बसों का इंतजाम किया है। बड़ी संख्या में पैदल चलते मजदूर इन बसों से जाने भी लगें। दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि विशेष बस से लोगों को भेजना एक ग़लत कदम है। उन्होंने कहा – इससे बीमारी और फैलेगी जिससे निबटना सबके लिए मुश्किल होगा।
बिहार के CM नीतीश कुमार ने – यह फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह फेल कर देगा। पैदल अपने अपने गांव निकले लोगों के लिये नीतीश ने सुझाव दिया कि स्थानीय स्तर पर ही कैम्प लगाकर लोगों के रहने और खाने का इंतज़ाम करना चाहिये। इन बसों में ज्यादातर पूर्वांचल और बिहार के यात्री हो सकते हैं। कई दिनों से परेशानी झेल रहे इन यात्रियों के लिए राहत वाली बात हो सकती है लेकिन सच्चाई ये भी है कि इन यात्रियों में अगर कोई भी संक्रमित हुआ तो बड़ी दिक्कत खड़ी हो सकती है। हालांकि दिल्ली सरकार ने इन लोगों के लिए इंतजाम का आश्वासन दिया है। लेकिन फिर भी सब रोजगार और कमाई के अभाव में घरों की ओर जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की है कि जो लोग जहां हैं वहां बने रहें। परेशान न हों। वहीं उन्होंने जो मजदूर सड़क पर निकल गये हैं उनकी मदद के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को पूरी व्यवस्था का नर्देश दिया है। वे दूसरे राज्यों के नोडल अधिकारियों से भी मिले और कहा कि आप लोग भी मजदूरों और गरीबों की मदद करें।
नोएडा-गाजियाबाद से हर दो घंटों में ये बसें चलाई जाएंगी। दिल्ली ग़ाज़ियाबाद बॉर्डर पर हजारों की संख्या में मज़दूर बैठे हुए हैं, यूपी पुलिस ने इन्हें रोका हुआ है। इनसे कहा गया है कि इनके लिए बसों की व्यवस्था की जा रही है और खाना भी आएगा। 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद पूरे देश में दिहाड़ी मजदूर, कामगारों और छोटी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। लेकिन इसके बाद भी इन लोगों को तसल्ली नहीं हो रही है। जहां जो गाड़ी मिल रही है उसी गाड़ी के लिये दौड़े जा रहे हैं। सौ-सौ लोग एक ही ट्रक पर सवार हो जा रहे हैं।
हजारों की संख्या में लोग अपने घरों की ओर पैदल भी जा रहे हैं। इन लोगों के लिए 1000 या 500 किलोमीटर की दूरी भी छोटी लग रही है। कई लोगों का कहना है कि काम न होने की वजह से जेब में पैसा नहीं है और खाने के लिए भी कुछ नहीं बचा है। वहीं बीमारी के बारे में कहना है कि जो भी होगा घर परिवार के साथ झेल लिया जाएगा.
इधर Go Air, Indigo, Spicejet के विमानों के जरिये मजदूरों को अपने गंतव्यों तक भेजने का विचार Modi सरकार कर रही है। इस सिलसिले में उड्डोयन मंत्रालय विमान कंपनियों से बात कर रहा है।
Corona Virus के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान दिल्ली और मुंबई में काम करने वाले प्रवासियों को विशेष तौर पर बिहार से संबंध रखने वाले श्रमिकों को पटना पहुंचाने में मदद करने की पेशकश विमानन कंपनियों ने की है। Spice Jet कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक Ajay Singh ने शुक्रवार को कहा कि यदि सरकार हां करती है तो वह इस काम के लिए अपने विमान और चालक दल की सेवाएं दे सकते हैं।
सार्वजनिक पाबंदी की वजह से देश में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर 14 अप्रैल तक रोक है। इंडिगो और गोएयर ने भी सरकार के सामने कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने में किसी भी तरह की मदद के लिए ऐसी ही पेशकश की है।
सिंह ने कहा – हम किसी भी मानवीय मिशन के लिए सरकार की जरूरत के मुताबिक अपने विमानों और चालक दल के साथ उड़ान भर सकते हैं। हम अपने मालवाहक विमानों से सरकार के लिए प्रतिदिन खाना, दवा और चिकित्सकीय उपकरण लेकर उड़ान भर रहे हैं।
उन्होंने कहा – हम प्रवासी मजदूरों की मदद करना चाहते हैं विशेषकर जो बिहार से हैं। इसके लिए हम दिल्ली और मुंबई से पटना के लिए उड़ान भर सकते हैं।’ कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सरकार ने देशभर में 21 दिन की सार्वजनिक पाबंदी लगाई है। देश में कोरोना वायरस के अब तक 700 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 17 लोगों की जान जा चुकी है।
लॉकडाउन के कारण सारे कल-कारखाने और कंपनियां बंद होने से बिहारी मजदूरों के समक्ष बड़ी ही विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है। उनके पास न रहने के लिए जगह है और न खाने के लिए पैसे। बिहार लौटने के लिए उनके पास साधन भी नहीं है, इसलिए ये लोग पैदल ही अपने प्रदेश बिहार लौटने को मजबूर हैं।

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