New Delhi : कोरोना आपदा की रोकथाम के लिये लागू लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिये देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा – देश में इकॉनमी का बड़ा हिस्सा फिर से खुल गया है। ऐसे में बिल्कुल भी ढिलाई नहीं बरतनी चाहिये। उन्होंने कहा – पूरी दुनिया की नजर भारत पर लगी हुई है कि भारत कब वैक्सीन बना लेता है। हमें सफल होना है। सतर्कता के साथ इस संकट से उबरना है। पीएम मोदी ने कहा – कोरोना संकट के दौर में लोग योग का सहारा ले रहे हैं। हॉलिवुड से हरिद्वार तक सभी योग को गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने कोरोना के खिलाफ जंग में योग और आयुर्वेद को मददगार बताते हुए कहा कि योग कम्युनिटी, इम्यूनिटी और यूनिटी सबके लिए अच्छा है।
पंजाब के पठानकोट से दिव्यांग भाई राजू ने दूसरों की मदद से जोड़ी गई छोटी से पुंजी से 3000 से अधिक मास्क बनाकर लोगों में बांटे और 100 परिवारों के लिए राशन जुटाया।सेवाभाव से लोगों की मदद कर रहे है ऐसे सभी लोगों की मैं प्रशंसा करता हूं,उनका तहे दिल से अभिनंदन करता हूं: PM मोदी https://t.co/NTNQhOO7UD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 31, 2020
पीएम मोदी ने कहा- कोरोना संकट के इस दौर में मेरी, विश्व के अनेक नेताओं से बातचीत हुई, लेकिन एक सीक्रेट में जरूर बताना चाहूंगा। विश्व के अनेक नेताओं से जब बातचीत होती है तो उनकी बहुत ज्यादा दिलचस्पी योग और आयुर्वेद के संबंध में होती है। कुछ नेताओं ने मुझसे पूचा कि कोरोना के इस काल में ये योग और आयुर्वेद कैसे मदद कर कते हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना आपदा और लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी श्रमिक, मजदूर वर्ग को हुई। लेकिन केंद्र सरकार ने उनका हालचाल लिया। ट्रेनों से लाखों लोगों को घर भेजा। उनके खाने पीने की चिंता की। उनको भोजन कराया। श्रमिकों के लिये नई योजनाएं बना रहे हैं ताकि लोगों को स्थानीय स्तर पर काम मिले। इससे प्रवासी मजदूरों की समस्या दूर हुई। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना का सीधा हमला रेसपिरेटरी सिस्टम पर करता है। रेसपिरेटरी सिस्टम को दुरुस्त करने के कई उपाय योग में दिये गये हैं। अनुलोम विलोम जैसे कई ऐसे उपाय हैं, जिससे अपना रेसपिरेटरी सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। वर्तमान समय में लॉकडाउन का चौथा चरण लागू है, जोकि 31 मई तक जारी रहेगा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 65वीं ‘मन की बात’ है। पीएम मोदी हर महीने के अंतिम रविवार को रेडियो के जरिये ‘मन की बात’ कार्यक्रम करते हैं। इसके जरिये पीएम कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर लोगों को संबोधित करते हैं।
पिछले ‘मन की बात’ के जरिये कहा था- आमतौर पर मन की बात में कई विषयों को लेकर आता हूं। आज दुनियाभर में कोरोना संकट की चर्चा है। ऐसे में दूसरी बातें करना उचित नहीं होगा। कुछ ऐसे फैसले लेने पड़े हैं, जिनसे गरीबों को परेशानी हुई। सभी लोगों से क्षमा मांगता हूं। मैं आप सबकी परेशानी को समझता हूं, लेकिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इसके सिवाय कोई चारा नहीं था। किसी का ऐसा करने का मन नहीं करता, लेकिन मुझे आपके परिवार को सुरक्षित रखना है। इसलिए दोबारा क्षमा मांगता हूं।
When we look at other countries, we realise how big is achievement of Indians. Our population is many times more than other countries, challenges are different still #COVID19 didn't spread so rapidly as in other countries&fatality rate is also notably lower:PM Modi in #MannKiBaat pic.twitter.com/qN2jjk4vxH
— ANI (@ANI) May 31, 2020
बहरहाल कोरोना संक्रमण रोकने के लिए चार चरणों में 68 दिन चला लॉकडाउन का दौर 1 जून से खत्म हो रहा है। गृह मंत्रालय ने शनिवार को लॉकडाउन-5 की जगह अनलॉक-1 का फॉर्मूला दिया। इसकी गाइडलाइंस भी जारी की हैं। रियायतें बढ़ाने के साथ ही सरकार ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग समेत कई ऐहतियात बरतने की सलाह दी है। लॉकडाउन की पाबंदी 30 जून तक सिर्फ कंटेनमेंट जोन में रहेंगी। रियायतों पर अंतिम फैसला राज्य करेंगे। राज्य कंटेनमेंट के बाहर भी गतिविधियां रोक सकते हैं।