New Delhi : अठारह पुराणों में से एक स्कंद पुराण में जिस यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर का उल्लेख मिलता है, उसके पुननिर्माण के पहले चरण का काम पूरा हो गया है। करीब 1800 करोड़ रुपये का यह प्रोजेक्ट है, जिसमें से 1000 करोड़ रुपये पहले चरण पर खर्च हो रहे हैं। हजारों साल पुराने इस मंदिर का क्षेत्रफल करीब 9 एकड़ था। मंदिर के विस्तार के लिए 300 करोड़ में 1900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया। मंदिर में 39 किलो सोने और करीब 1753 टन चांदी से सारे गोपुर (द्वार) और दीवारें मढ़ी जायेंगी। इसकी लागत करीब 700 करोड़ रुपए होगी। मंदिर का डिजाइन हैदराबाद के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट और साउथ फिल्मों के आर्ट डायरेक्टर आनंद साईं ने तैयार किया है।
#Telangana is rising! @TelanganaCMO's initiative of developing Sri #Yadadri Lakshmi Narasimha Swamy temple will remain in history. Telangana People will remember KCR garu forever.
Jai Narasimha Swamy !@KTRTRS @MPsantoshtrs @RaoKavitha @KonathamDileep @BTR_KTR @MaheshManikya pic.twitter.com/lVAVPXheAp— Enugu Bharath Reddy (@bharath_redddy) May 28, 2020
यदाद्री मंदिर का मुख्य शिखर जो गर्भगृह के ऊपर होगा, उसे सोने से मढ़ा जाएगा। करीब 32 लेयर वाले इस शिखर को सोने से मढ़ने के लिये बड़ी एजेंसियों की मदद ली जा रही है। इसमें शिखर पर पहले तांबे की परत चढ़ाई जाएगी। फिर सोना मढ़ा जाएगा। अनुमान है कि इसमें करीब 27 किलो सोना लगेगा। मंदिर में करीब 39 किलो सोना है। मंदिर के निर्माण के लिए जिन पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, वे हर तरह के मौसम की मार झेल सकते हैं। लगभग 1000 साल तक ये पत्थर वैसे ही रह सकेंगे, जैसे कि अभी हैं.. इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है।
यदाद्री मंदिर पहाड़ी पर मौजूद है। यह तेलंगाना के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके लिए तेलंगाना की केसीआर सरकार ने 1800 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। इस मंदिर के पूरा होने के बाद सरकार यहां भारी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद कर रही है। मंदिर तक पहुंचने के लिए हैदराबाद सहित सभी बड़े शहरों से जोड़ने के लिए फोरलेन सड़कें तैयार की जा रही हैं। मंदिर के लिए अलग से बस-डिपो भी बनाये जा रहे हैं।
इसमें यात्रियों से लेकर वीआईपी तक सारे लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुये कई तरह की व्यवस्थायें होंगी। यात्रियों के लिए अलग-अलग तरह के गेस्ट हाउस का निर्माण किया गया है। वीआईपी व्यवस्था के तहत 15 विला भी बनाये गये हैं। एक समय में 200 कारों की पार्किंग की सुविधा भी रहेगी।
#Telangana govt led by Sri #KCR is redeveloping #Yadadri Sri Narasimha swami temple entirely with rock by spending ₹700 Cr. @TelanganaCMO want to conduct Sudarshana Yagnam in 100 acres to mark the reopening of temple. Video shows the latest visuals of temple amid summer rains.😎 pic.twitter.com/njs42JjTTw
— Gampa Sai Datta (@GampaSD) May 28, 2020
यदाद्री मंदिर के पास ही मुख्य द्वार के रूप में भगवान हनुमान की एक खड़ी प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर में लक्ष्मी-नृसिंह के साथ ही हनुमान का मंदिर भी है। इस कारण हनुमान को मंदिर का मुख्य रक्षक देवता माना गया है। इस प्रतिमा को करीब 25 फीट के स्टैंड पर खड़ा किया जा रहा है। प्रतिमा कई किमी दूरी से दिखाई देगी।
यदाद्री पर्वत को पंच नृसिंह के स्थान के रूप में भी जाना जाता है। यहां यदा ऋषि को भगवान नृसिंह ने पांच रूपों में दर्शन दिये थे। स्कंद पुराण में कथा है कि महर्षि ऋष्यश्रृंग के पुत्र यदा ऋषि ने यहां भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। उनके तप से प्रसन्न विष्णु ने उन्हें नृसिंह रूप में दर्शन दिए थे। महर्षि यद की प्रार्थना पर भगवान नृसिंह तीन रूपों ज्वाला नृसिंह, गंधभिरंदा नृसिंह और योगानंदा नृसिंह में यहीं विराजित हो गए। दुनिया में एकमात्र ध्यानस्थ पौराणिक नृंसिंह प्रतिमा इसी मंदिर में है।
Yadadri Temple Renovation Works | Reaches at Final Stage https://t.co/KFLE55fBoe
— ETVTelangana (@etvtelangana) May 25, 2020
भगवान नृसिंह की तीनों प्रतिमाएं एक गुफा में हैं। साथ में माता लक्ष्मी भी हैं। करीब 12 फीट ऊंची और 30 फीट लंबी इस गुफा में भगवान की तीनों प्रतिमाएं मौजूद हैं। इसके साथ ही आसपास हनुमान और अन्य देवताओं के भी स्थान हैं। मंदिर का पुनर्निर्माण वैष्णव संत चिन्ना जियार स्वामी के मार्गदर्शन में शुरू हुआ है। मंदिर का सारा निर्माण कार्य आगम, वास्तु और पंचरथ शास्त्रों के सिद्धांतों पर किया जा रहा है, जिनकी दक्षिण भारत में खासी मान्यता है। इस गुफा में एक साथ 500 लोग दर्शन कर सकेंगे।
मार्च में एक भव्य यज्ञ के साथ इस मंदिर का लोकार्पण होना था। तेलंगाना सीएम केसीआर ने भी घोषणा की थी कि इसके लोकार्पण समारोह को हर तरह से भव्य रूप दिया जाएगा। इसमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसी हस्तियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। लेकिन, कोरोना के चलते कुछ देरी हो रही है। हैदराबाद से करीब 60 किमी दूर यदाद्री भुवनगिरी जिले में मौजूद लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर का रिकॉर्ड 4 साल में कायाकल्प किया जा रहा है।
COVID-19_CORONA_LOCKDOWN_59th Day: VC & CEO, YTDA, G. Kishan Rao with EO, Geetha Reddy, Chief Architect, Anandasai and Dy. Sthapathi, A. Mogili, inspecting the temple work progress at Yadadri. Photo: K. Ramesh Babu pic.twitter.com/IjuYnxYw2N
— K. Ramesh Babu (@hykrb) May 22, 2020
इसके लिए इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स ने करीब 1500 नक्शों और योजनाओं पर काम किया। 2016 में इसकी योजना को मंजूरी मिली थी। लॉकडाउन के दौरान भी यहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए काम हुआ। प्रवासी मजदूरों के भी रुकने के लिए व्यवस्था की गई थी।