New Delhi : रूस इस वर्ष घरेलू स्तर पर कोरोना वैक्सीन की तीन करोड़ खुराक का उत्पादन करने की योजना बना रहा है। रूस ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि कोरोना वायरस के लिये मानव परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। वैसे रूसी वैज्ञानिकों का दावा है कि विश्व की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन अगस्त में लॉन्च कर दी जायेगी। गैमेलेई नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा – कोरोना वैक्सीन 12 से 14 अगस्त तक लोगों को दी जाने लगेगी। मॉस्को टाइम्स के अनुसार, उन्होंने कहा – निजी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर सितंबर से इसका उत्पादन शुरू होने की संभावना है।
Russia to mass produce experimental COVID-19 vaccine: wealth fund head https://t.co/uaIedDEAze pic.twitter.com/xBrvMZ2n8G
— Reuters (@Reuters) July 16, 2020
इस बारे में रूस का दावा है – मॉस्को स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी ने दुनिया के पहले कोरोना वायरस वैक्सीन के लिये क्लिनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशन मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वादिम तरासोव ने कहा – वालेंटियर्स के पहले बैच को 15 जुलाई और दूसरे बैच को 20 जुलाई को छुट्टी दे दी जायेगी। क्लिनिकल ट्रायल्स गैमेलेई नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी में 18 जून से शुरू हुये थे।
रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष के प्रमुख किरिल दिमित्रिक ने कहा है – हम मानते हैं कि वर्तमान परिणामों के आधार पर इसे रूस में अगस्त में और सितंबर में कुछ अन्य देशों में मंजूरी मिल जायेगी। यह संभवतः दुनिया की पहली वैक्सीन है। पूरी दुनिया कोरेाना महामारी को रोकने के लिये 150 से अधिक संभावित टीकों का विकास और परीक्षण किया जा रहा है।
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WHO के आंकड़ों के अनुसार कोरोना वैक्सीन एक चीन में और दूसरा ब्रिटेन में विकसित किया जा रहा है। रूस और दो मध्य पूर्व के देशों में वैक्सीन का तीसरे चरण का परीक्षण पूरा हो चुका है। सेचनोव यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पैरासिटोलॉजी, ट्रॉपिकल एंड वेक्टर बॉर्न डिजीज के निदेशक अलेक्जेंडर लुकाशेव के अनुसार इस पूरे अध्ययन का मकसद मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिये कोरोना वैक्सीन को सफलतापूर्वक तैयार करना था। लुकाशेव ने बताया था – सुरक्षा के लिहाज से वैक्सीन के सभी पहलुओं की जांच कर ली गई है। लोगों के सुरक्षा के लिये यह जल्द बाजार में सुलभ होगा।
Over 50 countries submitted requests to procure the Russian-made #Avifavir anti-#COVID19 drug, says Head of the Russian Direct Investment Fund Kirill Dmitriev ➡️ https://t.co/L2IvWGAZAR pic.twitter.com/4hcRaB2st7
— Russia in India (@RusEmbIndia) July 15, 2020
अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, चीन और ऑस्ट्रेलिया कई संभावित वैक्सीन पर कार्य कर रहे हैं। भारतीय दवा कंपनी जायडस कैडिला ने कहा है कि कोविड-19 के वैक्सीन बनाने के लिए मानव परीक्षण शुरू कर दिया गया है। वॉलिंटियर्स को पहले और दूसरे चरण के लिए कोरोना वायरस से बचाव का संभावित टीका विभिन्न स्थानों पर दिया जा रहा है।