हापुड़ जिले में कई ऐसे बच्चें आपको मिल जाएंगे कि वह नशे के इस कदर आदी हो गए हैं कि उन्हें ज्यादा नशा हो इसलिए वह प्राइवेट पार्ट में इंजेक्शन लगाकर नशा करते हैं।
ये मासूम बच्चे टायरों में पंचर लगाने के सोल्यूशन को कपड़े पर डालते हैं और उसे सूंघते है। नशे के आदि हो चुके मासूम अपने प्राइवेट पार्ट में भी नशे के इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है की ये बच्चे 10 से 12 साल के हैं और कई साल से नशा कर रहे हैं। इनको न तो प्रशासन देखता है और ना ही इनके परिजन।
इसे भी पढ़ें-
बड़ा फैसला! बिल भुगतान न होने पर मरीज़ को नहीं रोक सकते अस्पताल, उल्लंघन करने पर होगी कार्यवाई
कई साल से लगातार नशा कर रहे एक बच्चे ने बताया कि नशीली चीजें बड़े आराम से दुगने दामों में मिल जाती है। बच्चे साईकल में लगाने वाली टयूब और 20 रूपये में मिलने वाली सोल्यूशन की ट्यूब को 80 रूपये में खरीदते हैं। इसको एक कपड़े में डालकर नाक और मुंह से सूंघते हैं। जब इस नशे की आदत हो जाती है तो सिरिंज से अपने प्राइवेट पार्ट तक में नशा सेवन करते हैं।
इसे भी पढ़ें-
सर्वे में हुआ खुलासा- ये हैं भारत के सबसे अमीर राज्य, जैन समुदाय निकला सबसे धनवान
मासूमों द्वारा किए जा रहे नशे से जाहिर है की जिले में नशे के कारोबार ने अपने पैर पसार लिए हैं। सरकार जितने चाहे वादे कर ले हकीकत कुछ और है। नशे के कारण नौजवान मौत के मुंह में जा रहे हैं। सवाल है कि अधिकारियों ने सामने मामला आ जाने के बाद अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं।
मामला सामने आ जाने के बाद डीएम कृष्णा करुणेश ने एसपी हेमंत कुटियाल से मीटिंग कर जल्द ही इन मासूमों का स्कूलों में एडमीशन करने की बात कही है।