New Delhi : उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश ने भी अपने ऐसे कामगारों की घर वापसी शुरू करा दी है जो कोरोना आपदा और लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में यहां वहां फंसे हुये हैं और घर लौटना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के अपने कामगार भाइयों की घर वापसी देख बिहारी मजदूरों की तड़प बढ़ने लगी है। वे हर हाल में अपने गांव जाना चाह रहे हैं लेकिन बिहार की नीतीश सरकार के पास कोई स्कीम ही नहीं है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के मजदूरों के लिए कुछ जरुरी कदम उठाये हैं। सीएम ने कहा – राज्य के अलग-अलग जिलों में फंसे मजदूरों को उनके घर भेजा जाएगा, जिसके लिए गाड़ियों की व्यवस्था की गई है। हालांकि घर भेजने से पहले सभी की जांच होगी।
Madhya Pradesh: Migrant labourers who were stranded in Gujarat underwent screening after arriving in Jhabua district. Chief Minister Shivraj Singh Chouhan has said that at least 2,400 labourers have boarded 98 buses from Gujarat for the state. #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/OSpZvQ8djE
— ANI (@ANI) April 25, 2020
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राजस्थान से भी मजदूरों को वापस ला रही है, वहीं गुजरात से 98 बसों से 2400 मजदूर निकल चुके हैं। इन सबके बीच शिवराज ने दोहराया कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन के सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा और राज्य की सीमा पर पहुंचने के बाद सभी की जांच की जाएगी, इसके बाद ही उन्हें उनके गांवों में भेजा जाएगा। वहीं देर रात गुजरात से लौट रहे 2400 मजदूर झाबुआ जिले में पहुंचे जिसके बाद वहां सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। पूरी जांच के बाद 98 बसों से राज्य में पहुंच रहे इन मजदूरों को इनके गांव भेजा जाएगा और इन्हें सभी दिशानिर्देशों का पालन करने के आदेश दिए जाएंगे।
इधर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शनिवार को 2200 मजदूरों को घर घर पहुंचाया था। अब रविवार 26 अप्रैल को 10 हजार कामगार फिर से हरियाणा से ही उत्तर प्रदेश लौट आये हैं। हरियाणा से आनेवाले इन 10 हजार श्रमिकों को आज से प्रदेश के परिवहन निगम की 400 बसें सभी 75 जिलों में उनके घर तक पहुंचाएंगी। हरियाणा में काम कर रहे इन श्रमिकों को हरियाणा रोडवेज की 330 बसें में लेकर प्रदेश की सीमाओं पर लेकर आई हैं। वहां से इन्हें प्रदेश की रोडवेज बसें सीमा से लेकर इन्हें अपने-अपने घर तक पहुंचायेंगी।
रविवार को हरियाणा रोडवेज की 330 बसें शामली, बागपत, मथुरा, नोएडा, अलीगढ़ और सहारनपुर की सीमा पर लाएंगी। हरियाणा की सीमा से लगे प्रदेश के इन जिलों में डॉक्टरों की टीम पहले से ही मौजूद होगी। यहां इनकी कोरोना को लेकर स्क्रीनिंग की जाएगी। पूरी जांच के बाद ही इन्हें घर भेजा जाएगा। श्रमिकों को सलाह दी जाएगी कि वह 14 दिनों तक घर में क्वारंटीन रहे। इन श्रमिकों पर क्वारंटीन में निगरानी रखने की जिम्मेदारी संबधित जिला प्रशासन की होगी। श्रमिकों की पूरी जांच होने के बाद, इन्हें रोडवेज की 400 बसें सभी 75 जिलों में पहुंचाएंगी। रोडवेज की बसों में इन श्रमिकों को सोशल डिस्टैन्सिंग के साथ बैठाया जाएगा।
शनिवार को हरियाणा से 82 बसें आईं। इनमें करीब 2200 यूपी के श्रमिक सवार थे। हरियाणा की बसों ने इन्हें हरियाणा के आस पास के 16 जिलों तक पहुंचाया। इन श्रमिकों की स्क्रीनिंग करने की जिम्मेदारी सम्बंधित 16 जिलों के जिला प्रशासन की थी। परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने अभी हरियाणा के श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी उन पर डाली है। अभी फिलहाल यही निर्देश दिए गए हैं। आगे सरकार भविष्य में प्रदेश के आस पास के राज्य – मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड व बिहार के भी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचने की ज़िम्मेदारी दे सकती है।