New Delhi : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भारत ने गलत बताया है, जिसमें उन्होंने कहा – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी। ट्रंप ने दावा किया- पीएम मोदी से बातचीत के दौरान भारत और चीन के बीच ‘बड़े टकराव को लेकर’ वह अच्छे मूड में नहीं थे। एएनआई को विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच हाल ही में कोई संपर्क नहीं हुआ है। उनके बीच अंतिम बातचीत 4 अप्रैल 2020 को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के विषय पर हुई थी। विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि हम सीधे तौर पर स्थापित तंत्र और कूटनीतिक संपर्कों के माध्यम से चीन के संपर्क में हैं।
There has been no recent contact b/w PM Modi&US President Trump. Last conversation between them was on 4 April,2020 on subject of Hydroxychloroquine.Y'day,MEA had also made it clear that we're directly in touch with China through established mechanisms&diplomatic contacts:Sources pic.twitter.com/oQIPwA2rrF
— ANI (@ANI) May 29, 2020
इससे पहले भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की अपील को दोहराते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार 28 मई को कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। ट्रंप ने दावा किया कि दोनों देशों के बीच हालिया तनाव पर पीएम मोदी का मूड ठीक नहीं हैं। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में रिपोर्टरों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि भारत और चीन के बीच ‘बड़ा संघर्ष’ चल रहा है। उन्होंने कहा- मैं प्रधानमंत्री को काफी पसंद करता हूं। वे एक शानदार इंसान हैं।
क्या भारत और चीन के बीच सीमा पर चल रहे तनाव को लेकर वे परेशान हैं? इस सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा- भारत और चीन के बीच काफी संघर्ष है। दोनों देशों में करीब 140 करोड़ की आबादी है। दोनों मुल्कों के पास काफी शक्तिशाली सेनाएं हैं। भारत खुश नहीं है और संभवतया चीन भी इस तनाव से खुश नहीं है। मैं आपको बता सकता हूं कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। जो कुछ भी चीन के साथ सीमा पर चल रहा है, उससे उनका (पीएम मोदी) मिजाज अच्छा नहीं है।
ट्रंप ने बुधवार (27 मई) को अचानक भारत और चीन के बीच सीमा विवाद में मध्यस्थता करने की पेशकश करते हुए कहा था कि वह दोनों पड़ोसी देशों की सेनाओं के बीच जारी गतिरोध के दौरान तनाव कम करने के लिए तैयार, इच्छुक और सक्षम हैं। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग त्सो, गलवान घाटी, देमचौक और दौलत बेग ओल्डी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले तीन सप्ताह से तनावपूर्ण गतिरोध जारी है।
Prime Minister Narendra Modi is not in "good mood" over border row with China: US President Donald Trump
— Press Trust of India (@PTI_News) May 28, 2020
करीब 3,500 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) भारत और चीन के बीच वस्तुत: सीमा है। एलएसी पर लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में अनेक क्षेत्रों में भारत और चीन दोनों की सेनाओं ने हाल ही में सैन्य निर्माण किए हैं। इससे दो अलग-अलग गतिरोध की घटनाओं के दो सप्ताह बाद भी दोनों के बीच तनाव बढ़ने तथा दोनों के रुख में सख्ती का स्पष्ट संकेत मिलता है।
वहीं, पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी रहने के बीच भारत ने बृहस्पतिवार (28 मई) को कहा कि सीमा पर तनाव कम करने के लिये चीनी पक्ष के साथ बातचीत चल रही है। भारत की इस सधी हुई प्रतिक्रिया को एक तरह से इस मुद्दे पर एवं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को एक तरह से अस्वीकार करने के रूप में देखा जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ऑनलाइन माध्यम से पूछे गए सवालों के जवाब में कहा, ”हम इसके शांतिपूर्ण ढंग से समाधान के लिए चीनी पक्ष के साथ बात कर रहे हैं।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हालांकि ऐसे प्रश्नों के जवाब नहीं दिए, जिसमें पूछा गया था कि क्या अमेरिका ने अपनी पेशकश को लेकर भारत से सम्पर्क किया है? और क्या भारत ने अमेरिका या ट्रंप प्रशासन को इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराया है जो पूर्वी लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों के बीच जारी गतिरोध को लेकर है।
दूसरी ओर, भारत-चीन को सीमा पर उपजा ताजा विवाद सुलझाने के लिए अमेरिका की मदद की जरूरत नहीं है। चीन के सरकारी मीडिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश पर गुरुवार (28 मई) को यह प्रतिक्रिया दी। ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने कहा कि दोनों देश की सरकारें 2017 में आपसी समझ और केंद्रित प्रयास के जरिए डोकाला विवाद हल कर चुकी हैं। उन्हें किसी भी समस्या के समाधान के लिए ट्रंप की मदद की कोई जरूरत नहीं है। सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने दो टूक कहा है कि भारत-चीन ताजा विवाद आपसी बातचीत के जरिए सुलझा सकते हैं। दोनों देशों को अमेरिका से सचेत रहना चाहिेए, जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में खलल डालने का कोई भी मौका नहीं गंवाना चाहता।
#WATCH "We have a big conflict going on between #India & #China, 2 countries with 1.4 billion people & very powerful militaries. India is not happy & probably China is not happy, I did speak to PM #Modi, he is not in a good mood about what's going on with China": #US #DonaldTrump https://t.co/6WN7sN7zG2 pic.twitter.com/EA3uhGDXfi
— News Line IFE 🌈Live📡 (@NewsLineIFE) May 29, 2020
गत पांच मई को पूर्वी लद्दाख के पेगोंग झील क्षेत्र में भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और लाठी-डंडों से झड़प हो गई थी। दोनों ओर से पथराव भी हुआ था। इस घटना में दोनों देशों के करीब 100 सैनिक घायल हुए थे। इसके बाद स्थानीय कमांडरों के बीच बैठक के बाद दोनों पक्षों में कुछ सहमति बन सकी। इसी तरह की एक अन्य घटना में नौ मई को सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास दोनों देशों के लगभग 150 सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। सूत्रों के अनुसार, इस घटना में दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए थे।
वर्ष 2017 में डोकलाम तिराहा क्षेत्र में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 73 दिन तक गतिरोध चला था, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका उत्पन्न हो गई थी। भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा कही जाने वाली 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा को लेकर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश के दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है, जबकि भारत का कहना है कि यह उसका अभिन्न अंग है। चीन, जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन किए जाने और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के भारत के कदम की निन्दा करता रहा है। लद्दाख के कई हिस्सों पर बीजिंग अपना दावा जताता है।